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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020: प्रसून जोशी ने कविताओं से सजाई महफिल - Jaipur News

राजधानी में गुरुवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 के 13वें संस्करण का आगाज हो गया है. फेस्टिवल के पहले दिन लेखक, कवि और गीतकार प्रसून जोशी ने अपने कविताओं से महफिल सजाई.

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 , Jaipur Literature Festival 2020
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 का आगाज

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Published : Jan 23, 2020, 6:30 PM IST

जयपुर. राजधानी में गुरुवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 के 13वें संस्करण का आगाज हो गया है. फेस्टिवल का उद्घाटन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया. वहीं, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में गुरुवार को कविताओं ने अपने खूब रंग जमाया. लेखक, कवि और गीतकार प्रसून जोशी ने अपने सेशन के दौरान शब्दों से कुछ ऐसा ही समा बांधा कि श्रोता उनकी कविताओं के बीच भावुक भी हुए तो कभी मुस्कुराए भी.

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 का आगाज

लेखक, गीतकार और कवि प्रसून जोशी ने साहित्य के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने में कोई हिचकिचाहट नहीं की. उन्होंने खुलकर पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि पीएम मोदी खुद के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए काम करते हैं. उन्होंने कहा कि कई लोगों को उनकी बातों में असहमति जरूर होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनके विरोध में शब्दों की गरिमा खो दे.

पढ़ें- जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के उद्घाटन में शामिल हुए गहलोत, 'राजस्थान के साहित्यकारों के लिए भी अलग से होगा फेस्टिवल'

मां पर भावुक हुआ प्रसून जोशी का सेशन

प्रसून जोशी ने कविताओं से सजाई महफिल

प्रसून जोशी का अधिकतर सेशन मां पर आधारित था. इस दौरान प्रसून जोशी ने अपने गाने 'मां' के अनुभव शेयर किए. इस दौरान प्रसून जोशी ने मां गाने को गुनगुना कर श्रोताओं का दिल जीत लिया. प्रसून जोशी का कहना था कि आंख बंद कर मां का नाम ले लीजिए, उसके बाद और कुछ बोलने की जरूरत नहीं है.

आज के दौर में नादानी खत्म हो गई

प्रसून जोशी ने वर्तमान समय में बच्चों के कम लिखने के सवाल पर उन्होंने तारें जमीं फिल्म का उदाहरण देते हुए कहा कि आज के दौर में बच्चों की नादानी खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि बच्चों को गहराई बहुत समझ आती है, इसलिए बच्चों पर लिखना बहुत ही कठिन हो गया है. जोशी ने कहा कि आज के दौर में मंचों का लोकतांत्रिक हो रहा है, नहीं तो पहले तो कुछ चुनिंदा लोगों के हाथों में माइक होता था लेकिन अब हम सबके पास माइक है. उन्होंने कहा कि इसमें यह ढूंढने की जरूरत है की भाषा शैली किसकी अच्छी है.

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