जयपुर.देश-विदेश में श्रीमद् भगवत कथा, राम कथा, शिवपुराण सहित विभिन्न धार्मिक कथाओं का श्रवण कराकर जनता को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने वाले भागवत आचार्यों का आचार्य पीठ सरस निकुंज के सरस परिकर की ओर से बृजधाम वृंदावन के रसिया बाबा नगर के यमुना तट पर सम्मान किया गया.
यमुना तट पर राजस्थान के 108 भागवत आचार्यों का हुआ सम्मान शुक संप्रदायाचार्य अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य और मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज, धीर समीर स्थान अणि अखाड़ा के महंत मदन मोहन दास महाराज की अध्यक्षता में आयोजित सम्मान समारोह में 108 कथा आचार्यों का सम्मान किया गया.
सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि सभी कथा आचार्यों का शॉल, श्रीफल से सम्मानित करने के बाद गुसाई जुक्तानंद महाराज की ओर से दोहा चौपाई में रचित श्रीमद्भगवत और आचार्य वाणीजी भेंट की गई. शुक संप्रदायाचार्य अलबेली माधुरी शरण महाराज ने इस अवसर पर कहा कि सरस निकुंज पीठ की ओर से कथा आचार्यों को सम्मान करने की परम्परा काफी पुरानी है.
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देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों के कथा आचार्य सरस निकुंज पधारते रहे हैं. सरस निकुंज सहित अन्य स्थानों पर इन्होंने कथाएं भी की हैं. आज इनको सम्मानित कर पीठ खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रही है. वहीं मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज और धीर समीर स्थान अणि अखाड़ा के महंत मदन मोहन दास महाराज ने आयोजन के लिए शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरीशरण महाराज को साधुवाद देते हुए कहा कि इन्होंने शाश्वत पंरम्परा को जीवंत रखा है. सम्मान होने वाले आचार्यों में बद्री शास्त्री, आचार्य श्री कृष्ण ठाकुर, मुकेश मोहन शास्त्री, डॉ. सुरेश शास्त्री, अच्युत लाल भट्ट, इंद्रेश महाराज प्रमुख है. वृंदावन के अलावा मथुरा, बरसाना और नंदगांव के आचार्यों का भी सम्मान किया गया.