बीकानेर. महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय अब अपने कैंपस स्टडी को लेकर नवाचार करने का प्रयास करते हुए खुद की एडमिशन पॉलिसी बना रहा है. विश्वविद्यालय की स्थापना को 17 साल हो गए हैं और अब तक विश्वविद्यालय की कोई खुद की एडमिशन पॉलिसी नहीं थी.
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जिससे उच्च शिक्षा के कैंपस स्टडी को बढ़ावा नहीं मिल रहा था. उच्च शिक्षा विभाग की एडमिशन पॉलिसी के तहत ही विश्वविद्यालय में चल रहे संकायों में विद्यार्थियों को प्रवेश किया जा रहा था, लेकिन अब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह की पहल पर विश्वविद्यालय ने खुद की एडमिशन पॉलिसी बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. उसको लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति ने उस विद्यालय के शैक्षणिक स्टाफ को जिम्मेदारी दी है.
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की नई एडमिशन पॉलिसी कुलपति विनोद कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय फिलहाल 4 जिलों तक ही सीमित है, लेकिन विश्वविद्यालय का दायरा विश्वव्यापी होना चाहिए और इसी को लेकर उनका फोकस है. विश्वविद्यालय में फिलहाल 17 संकाय चल रहे हैं और आगामी दिनों में और बढ़ाने की भी तैयारी है, लेकिन इसको लेकर एडमिशन भी जरूरी है.
उन्होंने कहा कि विद्यालय की खुद की एडमिशन पॉलिसी के तहत अब कोई भी व्यक्ति यदि सेवानिवृत्ति के बाद भी विश्वविद्यालय में प्रवेश आता है तो उसे प्रवेश मिले और वह किसी भी तरह का विशेष योग्यता की डिग्री हासिल कर सके. साथ ही महिला सशक्तिकरण को लेकर भी इस एडमिशन पॉलिसी में प्रावधान रखे जाएंगे जिसके मुताबिक यदि किसी महिला ने पढ़ाई छोड़ दी है और फिर से पढ़ाई शुरू करना चाहती है तो उसको भी प्रवेश दिया जा सके.
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दरअसल कॉलेज शिक्षा की एडमिशन पॉलिसी के तहत एक निश्चित अंतराल के बाद किसी भी पुरुष विद्यार्थी को एडमिशन देने में तकनीकी दिक्कत है, लेकिन महिला अभ्यर्थियों के मामले में इस तरह की कोई अड़चन नहीं है, लेकिन अब विश्वविद्यालय कैंपस में ही विद्यार्थियों का प्रवेश बढ़ें इसको लेकर कुलपति ने नई एडमिशन पॉलिसी बनाने की तैयारी की है.
उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई के अंत तक विश्वविद्यालय अपनी एडमिशन पॉलिसी को लागू कर सकता है. इस एडमिशन पॉलिसी के बाद विश्वविद्यालय में संभाग के 4 जिलों के अलावा राजस्थान और देश भर से कहीं भी कोई भी विद्यार्थी प्रवेश लेने में रुचि दिखा सकता है.