बीकानेर. बांसुरी की मधुर धुन सुनना हर किसी को अच्छा लगता है. अक्सर आपने कलाकारों को बांसुरी बजाते देखा होगा, लेकिन क्या कभी किसी कलाकार को नाक से बांसुरी बजाते देखा है. बात कुछ अजीब और हैरान कर देने वाली जरूर है लेकिन बीकानेर में एक कलाकार ऐसे भी हैं जो मुंह से नहीं नाक से बांसुरी बजाते हैं.
दुनिया में कई तरह के आश्चर्य और कई खास बातें या अद्भुत हुनर है जिनपर यकीन करना काफी मुश्किल होता है लेकिन वह हकीकत में होती है. कुछ लोगों में ऐसी ही खास कला या गुण होते हैं, जो उन्हें औरों से अलग कर देते हैं. पुरातन काल से बांसुरी बजाते हुए हमने कई बार टीवी पर भगवान श्री कृष्ण को देखा है. भगवान की बांसुरी की धुन पर गोपियां और गायों को मुग्ध होते भी देखा है. ऐसा ही कुछ बसंत ओझा के साथ है. उनकी बांसुरी की मधुर सुनने से ज्यादा लोग उन्हें नाक से बांसुरी बजाते देखकर चकित हो जाते हैं.
यह गुण विरले लोगों में होता है...
बांसुरी वादन में हरिप्रसाद चौरसिया और रोनू मजूमदार जैसे बड़े नाम हैं, जिनके बांसुरी की धुन पर लोग तालियां बजाते नहीं थकते. लेकिन बीकानेर के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक बसंत ओझा अलग अंदाज में बांसुरी बजाते हैं. वे होठों से नहीं अपनी नाक से बांसुरी बजाकर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं. यह अद्भुत गुण विरले लोगों में होता है.