राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Special: अद्भुत! नाक से बांसुरी बजाते हैं बीकानेर के बसंत ओझा, अनूठे हुनर के बाद भी अब तक नहीं मिली पहचान - basant ojha from bikaner

बांसुरी की धुन मन-मस्तिष्क को शांति और सुकून देती है. यूं तो आपने कई कलाकारों को बांसुरी बजाते कई बार देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी किसी को नाक से बांसुरी बजाते देखा है! चौंक गए ना...जी हां, बीकानेर के बसंत ओझा ऐसे ही कलाकार हैं जो अपनी नाक से ऐसी मधुर बांसुरी बजाते हैं कि फिजा सुरमयी हो जाती है.

Basant Ojha plays flute through his nose,  basant ojha from bikaner
बांसुरी वादक बसंत ओझा

By

Published : Nov 28, 2020, 7:45 PM IST

बीकानेर. बांसुरी की मधुर धुन सुनना हर किसी को अच्छा लगता है. अक्सर आपने कलाकारों को बांसुरी बजाते देखा होगा, लेकिन क्या कभी किसी कलाकार को नाक से बांसुरी बजाते देखा है. बात कुछ अजीब और हैरान कर देने वाली जरूर है लेकिन बीकानेर में एक कलाकार ऐसे भी हैं जो मुंह से नहीं नाक से बांसुरी बजाते हैं.

नाक से बांसुरी बजाते हैं बसंत ओझा

दुनिया में कई तरह के आश्चर्य और कई खास बातें या अद्भुत हुनर है जिनपर यकीन करना काफी मुश्किल होता है लेकिन वह हकीकत में होती है. कुछ लोगों में ऐसी ही खास कला या गुण होते हैं, जो उन्हें औरों से अलग कर देते हैं. पुरातन काल से बांसुरी बजाते हुए हमने कई बार टीवी पर भगवान श्री कृष्ण को देखा है. भगवान की बांसुरी की धुन पर गोपियां और गायों को मुग्ध होते भी देखा है. ऐसा ही कुछ बसंत ओझा के साथ है. उनकी बांसुरी की मधुर सुनने से ज्यादा लोग उन्हें नाक से बांसुरी बजाते देखकर चकित हो जाते हैं.

बांसुरी वादक बसंत ओझा

यह गुण विरले लोगों में होता है...

बांसुरी वादन में हरिप्रसाद चौरसिया और रोनू मजूमदार जैसे बड़े नाम हैं, जिनके बांसुरी की धुन पर लोग तालियां बजाते नहीं थकते. लेकिन बीकानेर के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक बसंत ओझा अलग अंदाज में बांसुरी बजाते हैं. वे होठों से नहीं अपनी नाक से बांसुरी बजाकर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं. यह अद्भुत गुण विरले लोगों में होता है.

बीकानेर के बसंत ओझा

पढ़ें-हे भगवान! 4 बेटे और 1 बेटी हैं, फिर भी घर-घर मांग कर रोटी खाने को मजबूर 80 साल का पिता

सभी प्रकार के वाद्य यंत्र बजाना बसंत का शौक

बसंत ओझा ने बताया कि बांसुरी के साथ ही संगीत के सभी प्रकार के वाद्य यंत्र बजाना उनका शौक है. उन्होंने बताया कि वे पिछले तीन दशक से सभी वाद्य यंत्र बजा रहे हैं. एक बार किसी कार्यक्रम में ऐसे ही नाक से बांसुरी बजाने को लेकर लोग मजाक कर रहे थे, लेकिन उस दिन नाक से बजाई बांसुरी पर लोग अचंभित हो गए. उन्होंने बताया कि उसके बाद से पिछले आठ सालों से वे इसके लिए रियाज करते हैं और अब तक कई कार्यक्रम में वे प्रस्तुति दे चुके हैं.

रोज एक घंटे करते हैं रियाज

बांसुरी वादक बसंत ओझा कहते हैं कि हर रोज वे एक घंटे तक नाक से बांसुरी वादन का रियाज करते हैं और अब शास्त्रीय, फ्यूजन और फोक सभी तरह के गानों पर बांसुरी बजा लेते हैं. हालांकि, अपने विरले गुण के बावजूद उन्हें अब तक वह एक्सपोजर और पहचान नहीं मिली है. उनके स्कूल के प्रधानाचार्य जुगल किशोर हर्ष कहते हैं कि एक अद्भुत कला उनके पास है, लेकिन इसको प्रोत्साहन नहीं मिला है. हालांकि, शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों में वे प्रस्तुति दे चुके हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details