भीलवाड़ा. विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते किसान भी इस साल खासे परेशान हैं. वहीं, इस बार खरीफ की फसल में ना के बराबर उपज हुई. इसके बाद किसान रबी की फसल से उम्मीद लगाए बैठे थे. लेकिन, इस साल भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में बारिश कम हुई, जिससे इस जिलों के अधिकतर बांध पानी का इंतजार ही करते रह गए. इससे रबी की फसल की भी कम बुवाई होगी.
अब मानसून की विदाई हो चुकी है और कई बांधों में पानी नहीं आने के कारण पिछले साल की तुलना में इस बार कम मात्रा में रबी की फसल के रूप में गेहूं, जौ, चना, सरसों और तारामीरा फसल की बुवाई होगी. बांधों की स्थिति को समझने के लिए ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा में सिंचाई विभाग के कार्यालय पहुंची. यहां भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल काफी कम मात्रा में बारिश हुई है. ऐसे में रबी की फसल की कम मात्रा में बुवाई हो रही है.
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अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने कहा कि भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में कुल 113 बांध हैं. भीलवाड़ा जिले में 60 , चित्तौड़गढ़ जिले में 39 और प्रतापगढ़ जिले में 14 बांध स्थित हैं. इस साल बारिश कम हुई है. पिछले साल की तुलना में आधी बारिश हुई है. इससे भीलवाड़ा के 60 बांधों में से महज 3 बांध ही ओवरफ्लो हुए हैं. वहीं, 45 बांधों में 50-75 प्रतिशत पानी आया है और बाकी 12 बांध बिल्कुल खाली हैं. उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में 39 बांधो में से एक बांध ओवरफ्लो हुआ है, जबकि 28 बांधों में 50-75 प्रतिशत पानी आया है. 10 बांध पानी का इंतजार करते रह गए. इसी तरह प्रतापगढ़ के 14 बांधों में से 12 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं. 2 बांधों में आधा पानी आया है. इस तरह भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में सबसे ज्यादा प्रतापगढ़ जिले में बांध लबालब हुए.