भीलवाड़ा. रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध से दिनोंदिन हालात खराब होते जा रहे हैं. सबसे ज्यादा मुश्किल उनके लिए है जो विदेशी हैं. वहां बड़ी तादाद में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करते हैं. भारत सरकार ने उन छात्रों को वहां से निकालने के लिए ही ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga In Ukraine) चलाया है. इस ऑपरेशन के तहत ही गुरुवार को कपड़ा नगरी की बेटी आकृति अपनों के बीच लौटी (Medical Student return India from Ukraine) है.
ईटीवी से बातचीत के दौरान भीलवाड़ा की इस बेटी ने उन कठिन क्षणों को साझा किया जिसकी कल्पना मात्र से सिहरन पैदा होती है. उन मुश्किलों लम्हों को गुजार घर पहुंची तो स्वजनों की आंखें छलछला गईं. बेटी की वापसी पर खुशी जाहिर की और केक काटकर उसका स्वागत किया.
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नहीं सोचा था ऐसे दिन भी आएंगे:कठिन परिस्थितियों में यात्रा कर भीलवाड़ा पहुंची आकृति कहती हैं मुझे अपने घर पहुंचकर बहुत अच्छा लग रहा है. कम्पलीट महसूस कर रही हूं. मैने कभी ये उम्मीद नहीं कि थी की मुझे यह दिन भी देखने पड़ेंगे. मैंने अपने सामने बम ब्लास्ट होते देखा, गोलियां चलती देखीं और ये सब मेरे लिए भयानक था.
वो पुराने दिन और बंकर में बिताए ये दिन:जब बम ब्लास्ट होते थे तब हमें बंकर में छुपना पड़ता था. अब वैसे दिन नहीं हैं, हालात बदल गए हैं. मैं युक्रेन के ओडेसा में 4 साल से मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी. यह ब्लैक सी के पास है. मेरे पिछले 4 साल अच्छे गए और पढ़ाई भी अच्छी चल रही थी. हमें युनिवर्सिटी वाले भी बहुत स्पोर्ट करते थे.