भीलवाड़ा. रामपुरा आगुंचा में स्थित हिन्दुस्तान जिंक की अंडरग्राउंड माइन्स में ब्लास्टिंग के दौरान मंगलवार सुबह बड़ा हादसा हो गया था. मलबे में दबने से दो श्रमिकों की मौत हो गई थी. परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर हिन्दुस्तान जिंक और राजकीय महात्मा गांधी चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन किया और शव उठाने से इनकार कर दिया. जिसके बाद परिजनों और कंपनी के अधिकारियों के बीच 5 घंटे तक वार्ता चली. कंपनी ने मरने वाले श्रमिकों के परिवार को 60-60 लाख रुपये और एक व्यक्ति को नौकरी देने का आश्वासन दिया. जिसके बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए. दोनों श्रमिक एएसी कम्पनी में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे.
पढे़ं: दर्दनाक हादसा : हिंदुस्तान जिंक में काम करने के दौरान गिरा पत्थर, दो श्रमिकों की मौत
कैसे हुआ हादसा
हिन्दुस्तान जिंक की अंडरग्राउंड माइन्स में मंगलवार सुबह ब्लास्ट किया गया था. जिसके बाद खान में काम कर रहे दो श्रमिकों पर पत्थर गिर गए. टिटोडी गांव का जीतमल जाट और नेपाल का रहने वाले बहादुर साही गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दोनों श्रमिकों को गुलाबपुरा उपस्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद श्रमिकों को भीलवाड़ा रेफर कर दिया. जहां महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया.
भीलवाड़ा में दो श्रमिकों की मौत मृतक जीतमल जाट के चाचा शिवराज जाट ने बताया कि उसके मृतक भतीजे के छोटे-छोटे बच्चे हैं. जिनके लालन-पालन के लिए कंपनी से मुआवजे की मांग की जा रही थी. जिसे कंपनी ने मान लिया है. जाट महासभा के जिलाध्यक्ष रामेश्वर लाल जाट ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक ने मृतकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग मान ली है. कंपनी ने दोनों मृतकों के परिजनों को 60–60 लाख रुपये और एक परिजन को नौकरी देने का वादा किया है. गुलाबपुरा थाने के सहायक उपनिरीक्षक नारायण लाल ने बताया कि परिजनों की सहमति के बाद शवों का पोस्टमार्टम करवाकर सुपुर्द कर दिए गए हैं. हादसा के जांच जारी है.