राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Condition of ERCP : 13 जिले, 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि और 3.5 करोड़ लोग होंगे लाभान्वित...राष्ट्रीय परियोजना में शामिल होने के कई फायदे - Rajasthan Hindi News

ईआरसीपी यानी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से प्रदेश के 3.5 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे. इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के लिए (National Project Status Demand for ERCP) लगातार मांग की जा रही है, जिससे कई फायदे होंगे. लेकिन ERCP को लेकर राजनीति थमने का नहीं ले रही है. 40 हजार करोड़ कीमत की यह परियोजना राजस्थान के कौन-कौन से जिलों के लोगों को और कैसे-कैसे लाभ पहुंचाएगी ? देखिए ये रिपोर्ट...

Mahesh Joshi and Gajendra singh shekhawat
महेश जोशी और केंद्रीय मंत्री शेखावत

By

Published : Apr 12, 2022, 6:24 PM IST

भरतपुर. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर इन दिनों पूरे राजस्थान और केंद्र में (Politics on ERCP) राजनीति गरमाई हुई है. राजस्थान सरकार बीते लंबे समय से इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने की मांग कर रही है. पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए लाइफलाइन मानी जा रही इस परियोजना को यदि राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिल जाता है तो केंद्र सरकार की ओर से इस परियोजना को मूर्त रूप देने में भागीदारी बढ़ जाएगी और इसका सीधा लाभ राजस्थान के 13 जिलों की जनता को मिलेगा.

ये है ईआरसीपी का उद्देश्य : असल में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का उद्देश्य दक्षिणी राजस्थान की चंबल, कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध और उसकी सहायक नदियों के बरसात के पानी का संचय करना है. इन नदियों के पानी को बनास, बाणगंगा, मोरेल, गंभीर और पार्वती नदियों में पहुंचाया जाएगा. ईआरसीपी योजना के तहत (People Benefit from East Rajasthan Canal Project) वर्ष 2051 तक इन नदियों के पानी का उपयोग राज्य के 13 पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जिलों की पेयजल और औद्योगिक पानी की जरूरतों को पूरा किया जाएगा.

केंद्रीय मंत्री शेखावत और महेश जोशी के बीच नोकझोंक

13 जिलों की 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई : ईआरसीपी योजना का प्रदेश के 13 जिलों को लाभ मिलेगा. इनमें झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर जिले शामिल हैं. योजना के तहत इन सभी जिलों को पेयजल उपलब्ध कराने के साथ ही 26 विभिन्न बड़ी और मध्यम परियोजनाओं के माध्यम से कुल 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि (2 लाख नए सिंचित क्षेत्र और 0.8 लाख विद्यमान सिंचित क्षेत्र) के लिए सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही 13 जिलों के करीब साढ़े 3 करोड़ लोगों को पेयजल मिल सकेगा. इस योजना की लागत 40 हजार करोड़ रुपये आंकी गई है.

पीएम मोदी ने क्या कहा था, सुनिए...

पढ़ें :ERCP को लेकर पीएम मोदी के बयान को मंत्री जोशी ने किया जारी, कहा- अब इस्तीफा देना या न देना गजेंद्र सिंह के विवेक पर निर्भर

पढ़ें :गहलोत सरकार सहमत जो जाए तो केन-बेतवा लिंक परियोजना की तरह ERCP शुरू करेंगे: शेखावत

इसलिए कर रहे राष्ट्रीय परियोजना के दर्जे की मांग : पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (National Project Status Demand for ERCP) 6 फरवरी 2020, 9 जुलाई 2020, 14 जुलाई 2020, 20 जुलाई 2020, 26 अक्टूबर 2020 और 27 जनवरी 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर आग्रह कर चुके हैं. इसके अलावा भी लगातार इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के लिए राजनीतिक प्रयास होते आ रहे हैं.

सीएम गहलोत ने क्या कहा था...

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के पीछे सबसे अहम कारण यह है कि यदि (Condition of ERCP) यह राष्ट्रीय परियोजना में शामिल हो जाती है तो प्रदेश को 10 प्रतिशत रुपये और केंद्र को 90 प्रतिशत रुपये खर्च करने होंगे. यदि इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं मिलता है तो राजस्थान सरकार को 75 प्रतिशत रुपये खर्च करने पड़ेंगे.

मैप से समझिए ईआरसीपी की स्थिति

पढ़ें :शेखावत पर जमकर बरसे गहलोत, कहा- ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने की औकात नहीं, तो काहे का मंत्री

ये फायदे भी मिलेंगे :

  • इस परियोजना के साकार होने से 13 जिलों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी.
  • ग्रामीण क्षेत्रों का भूजल स्तर सुधरेगा.
  • दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर को भी स्थाई जल स्रोत मिल सकेगा, जिससे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा.
  • पूर्वी राजस्थान में निवेश भी बढ़ने की संभावना प्रबल हो जाएगी.

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details