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भरतपुर: मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश पर की थी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, अब राजनीतिक रोटियां सेक रहे स्थानीय नेता - जिला कलेक्टर नथमल डिडेल भरतपुर

जिले के वैर क्षेत्र में रायपुर गांव में बीते दिनों प्रशासन की ओर से की गई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर कुछ स्थानीय नेता राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हैं. जिला कलेक्टर नथमल डिडेल का कहना है कि उन्होंने यह कार्रवाई सीएमओ हाउस के निर्देश के बाद ही की थी और पूरी कार्रवाई नियमानुसार थी.

action to remove encroachmentorder of CMO House in bharatpur
जिला कलेक्टर नथमल डिडेल...

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Published : Jan 11, 2021, 7:56 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 10:22 PM IST

भरतपुर.जिले के वैर क्षेत्र में रायपुर गांव में बीते दिनों प्रशासन की ओर से की गई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर कुछ स्थानीय नेता राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हैं. जिला कलेक्टर नथमल डिडेल का कहना है कि उन्होंने यह कार्रवाई सीएमओ हाउस के निर्देश के बाद ही की थी और पूरी कार्रवाई नियमानुसार थी. वहीं, वन भूमि पर अतिक्रमण करने वाले ग्रामीणों ने भी प्रशासन पर विश्वास जताया है. बावजूद, इसके कांग्रेस के ही एक विधायक सीएमओ हाउस के आदेश के खिलाफ खड़े हुए नजर आ रहे हैं.

जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने कहा कि उन्होंने यह कार्रवाई सीएमओ हाउस के निर्देश के बाद ही की थी...

जिला कलेक्टर नथमल डिटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से रायपुर में सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटवाने के लिए चार बार स्मरण पत्र भेजा गया, जिसके बाद जमीन की पैमाइश कराई गई. जिसमें पाया गया कि वन भूमि पर करीब 12-13 लोगों ने अवैध अतिक्रमण कर रखे हैं. इसके बाद डीएफओ द्वारा 23 मार्च 2020 से 7 जनवरी 2021 तक अतिक्रमण करने वाले लोगों को चार बार नोटिस भी भेजे गए, बावजूद इसके उन्होंने अपने अतिक्रमण नहीं हटाए. इस दौरान कोरोना लॉकडाउन, गुर्जर आंदोलन और नगर पालिका व पंचायत चुनाव हुए, जिसकी वजह से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस जाब्ता नहीं मिल पाया.

7 दिसंबर 2020 को फिर से मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से स्मरण पत्र आया. जिसमें कहा गया कि अतिक्रमण के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके बाद 8 जनवरी 2021 को एसडीएम वैर को मौका मजिस्ट्रेट नियुक्त कर जाब्ते के साथ डीएफओ की मौजूदगी में टीम को अतिक्रमण हटाने के लिए भेजा गया. टीम ने मौके पर किसी पक्के निर्माण को नहीं छेड़ा, जबकि अतिक्रमणकारियों ने वन भूमि में करीब 5-6 पक्के निर्माण भी कर रखे थे. लेकिन, जैसे ही दस्ते ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की वैसे ही पहाड़ी पर चढ़े ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया. जिसमें चार जेसीबी के शीशे टूट गए और चार पुलिसकर्मी व कुछ बनकर में भी घायल हुए. ऐसे में पुलिस की ओर से ग्रामीणों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोडे़. हालांकि, इस दौरान तीन ग्रामीणों को भी चोट आई, लेकिन उनमें से कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं है.

ऐसे शुरू हुई राजनीति

इस पूरे घटनाक्रम के बाद नदबई विधायक जोगिंदर अवाना मौके पर पहुंचे. उन्होंने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को निंदनीय बताते हुए कुछ अधिकारियों पर सरकार की छवि धूमिल करने के आरोप लगाए. जिसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया. पूरे घटनाक्रम के बाद स्थानीय गुर्जर समाज के नेता भी इस पूरे मामले में कूद पड़े और वन भूमि पर किए गए अतिक्रमणों को पट्टे जारी करने की मांग कर रविवार को गांव रायपुर में महापंचायत आयोजित कर दी. इस पूरी महापंचायत का राजनीतिकरण होता देख गुर्जर नेता हिम्मत सिंह पालड़ी भी किनारे हो गए थे.

अतिक्रमण करने वाले प्रशासन से सहमत

जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि गांव रायपुर में वन भूमि पर अतिक्रमण कर निर्माण करने वाले लोगों ने गृह रक्षा राज्य मंत्री भजन लाल जाटव के साथ मिलकर प्रशासन के साथ सहमति जताई है. ग्रामीणों ने कहा है कि वह इस पूरे मामले पर गांव में किसी प्रकार की महापंचायत या पंचायत नहीं चाहते. वह पूरी तरह से प्रशासन और गृह रक्षा राज्य मंत्री के साथ हैं. जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि इस पूरे मामले में गृह रक्षा राज्य मंत्री भजन लाल जाटव के आदेश पर एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी गई है, जो फिर से पूरी जमीन की पैमाइश करेगी. उसके बाद अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे. इस पूरे प्रकरण की एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय में भिजवाई जाएगी, जिसमें प्रयास रहेगा कि ग्रामीणों को कुछ रिलीफ मिल सके.

Last Updated : Jan 11, 2021, 10:22 PM IST

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