अलवर.प्रदेश में पूर्ववर्तीवसुंधरा राजे सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले सभी स्टेट हाईवे पर निजी वाहनों को टोल से पूरी तरीके से समाप्त कर दिया था. जिसके बाद प्राइवेट वाहन चालकों को टोल से मुक्ति मिल गई थी. केवल व्यवसायिक वाहनों को टोल टैक्स वसूला जाता था. लेकिन कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के 10 माह बाद फिर से टोल वसूली शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं. इसका सबसे अधिक प्रभाव अलवर जिले में देखने को मिलेगा. क्योंकि, अलवर जिला चौतरफा स्टेट हाईवे से घिरा हुआ है.
बता दें कि अलवर जिले में कुल 17 टोल प्लाजा है. जिनमें रिडकोर, आरएसआरडीसी और पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर यह टोल लगे हुए हैं. सभी टोल प्लाजा से एक दिन में करीब 30 लाख रुपए का शुल्क जमा होता था. यदि सरकार ने दरों में बदलाव किया तो जनता पर इसका अधिक भार पड़ सकता है. वहीं इसे लेकर कांग्रेस सरकार का कहना है कि सड़कों की हालत खराब हो रही है. सड़कों की रिपेयरिंग के लिए फंड नहीं है. इसलिए सभी स्टेट हाईवे पर टोल को शुरू किया जा रहा है.
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कुल टोल राशि का 70 प्रतिशत व्यवसायिक वाहनों से
टोल प्लाजा संचालकों के अनुसार टोल वसूली की 70 प्रतिशत राशि व्यवसायिक वाहनों से मिलती है. जिनका शुल्क निजी वाहनों की तुलना में कई गुना अधिक होता है. अलवर के टोल प्लाजा में ज्यादा राशि कॉमर्शियल वाहनों से मिलती है. जबकि निजी वाहनों से प्रतिदिन करीब 10 लाख का राजस्व मिलता है. वहीं एक माह में करीब 3 करोड़ रुपए की वसूली होती है. ऐसे में साफ है कि निजी वाहन संचालकों पर करीब 3 करोड़ का भार हर माह पड़ेगा.