अलवर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अलवर में (Satish Poonia in Alwar) भाजपा नेता के परिजन के निधन पर शोक संवेदना प्रकट करने के अलवर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम पार्टी को परिवार की तरह चलाते हैं. इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने लोगों से मिलें. इस मौके पर उन्होंने पीसीसी चीफ का नाम लिये बिना आरपीएससी (Satish Poonia on RPSC) पर निशाना साधा. कहा कि राजस्थान में आरपीएससी रिश्तेदार पब्लिक कमीशन बन चुकी है.
सरकार तीन साल के जश्न पर पूनिया (Satish Poonia allegation on Gehlot government) ने कहा कि सरकार को जश्न मनाना का अधिकार नहीं है. गहलोत ने तीन सरकारों में से दो बार जुगाड़ की सरकार बनाई है. अभी बीएसपी विधायक का मुद्दा कोर्ट में है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं होगी. पूनिया ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान का पूरा कर्जा माफ करने की बात की थी, लेकिन अभी तक कर्जा माफ नहीं हुआ. पूनिया ने कहा कि प्रदेश के 60 लाख किसानों पर एक लाख करोड़ का कर्ज है.
बेरोजगारी भत्ता देने का वादा था
पूनिया ने कहा कि सरकार ने बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था. वह भी सरकार ने नहीं निभाया. प्रदेश की कानून व्यवस्था पर पूनिया बोले कि राजस्थान को शांत प्रदेश माना जाता था, लेकिन अब तक 6 लाख 50 हजार मामले दर्ज हो चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले फर्जी हैं.
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कोरोना काल में हुई बेड की दलाली
सतीश पूनिया ने कहा कि पूरे प्रदेश में कोरोना के दौरान बेड की दलाली हुई. महंगे इंजेक्शन लोगों को उपलब्ध हुए व मास्क की चोरी हुई. प्रदेश में अराजगता के हालात हैं. लोगों में असंतोष है. इसलिए सरकार गलत फैसले ले रही है. प्रदेश को एक बेहतर सरकार की जरूरत थी. लेकिन मुख्यमंत्री दो साल अपने घर से ऑफिस में नहीं गए.
भाजपा में मोर्चे एक्टिव
पूनिया ने कहा कि भाजपा ने एक साथ एक दिन बैठक की. यह पहली बार हुआ जब देश के ग्रह मंत्री भी जयपुर आए थे. अब भाजपा में मोर्चों को एक्टिव किया गया है. 11 फरवरी तक एक अभियान चलेगा, इसमें अंश दान किया जाता है. भाजपा की गतिविधियां अब मंडल स्तर चल रही हैं. 16 अलग अलग विषयों पर शिविर चल रहे हैं.
वसुंधरा के मुद्दे पर पूनिया चुप
वसुंधरा के मुद्दे पर सतीश पूनिया ने चुप्पी साधे रखी. उन्होंने कहा कि जो पार्टी फैसला लेगी, उस हिसाब से काम किया जाएगा. प्रदेश के लोगों के मन में यह धारणा बनी हुई है कि प्रदेश में सन 1990 में एक बार भाजपा व एक बार कांग्रेस की सरकार रही है. उन्होंने कहा कि जब चुनाव में पार्टी की हार होती है तो कई तरह के विवाद सामने आते हैं. जो कमी थी, उसको दूर किया गया था. गुजरात व मध्यप्रदेश में केवल भाजपा हमेशा पावर में रही है. उपचुनाव में चयन गलती हुई थी. पंचायती राज चुनाव में पहली बार भाजपा 33 में से 18 पर काबिज है. इसके अलावा 150 प्रधान भाजपा के काबिज हुए हैं.