अलवर. जिले के एमआईए में बने ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज को केंद्र सरकार का क्लीयरेंस मिलने के बाद अब राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज की दिशा में काम तेज कर दिया है. इस मामले में सरकार को भेजी गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज के लिए 15 से 20 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है. इसमें 4.5 हेक्टेयर जमीन का आवंटन प्रशासन पहले ही कर चुका है. शेष जमीन में हॉस्पिटल की जमीन को शामिल किया जाएगा.
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बता दें कि जेल परिसर की कुल जमीन को लेकर मेडिकल कॉलेज का नक्शा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया था, लेकिन प्रशासन और सरकार का मानना है कि पूरी जेल को शिफ्ट करते हुए दोबारा से नक्शा बनाया जाए. इस दिशा में काम शुरू हो चुका है. सरकार की तरफ से बाकी सभी मेडिकल कॉलेजों का काम पूरा कर दिया गया है. अलवर का मामला पेंडिंग होने का कारण यही था कि सरकार को पहले ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज का निर्माण होने का इंतजार था. इस काम के लिए पूरी जेल को शिफ्ट करवा दिया जाए. लेकिन इस काम में देरी हो सकती है.
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गौरतलब है कि पूरे प्रदेश में सिर्फ अलवर मेडिकल कॉलेज का कार्य अटका हुआ था. ऐसा लग रहा था कि राज्य सरकार मेडिकल कॉलेज के नाम पर पिछले 4 साल से सिर्फ लोगों को गुमराह कर रही है. वहीं, अब 150 सीट के मेडिकल कॉलेज के लिए पैसा आवंटित हो चुका है. मेडिकल कॉलेज निर्माण की जिम्मेदारी नोएडा की कंपनी को सौंपी गई है. मेडिकल पुलिस को 325 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था. जेल की आवंटित जमीन पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है. अलवर में सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में 2 मेडिकल कॉलेज होंगे. इससे अलवर के लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही यहां के युवाओं को मेडिकल की पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. कॉलेज भवन बनाने वाली कंपनी मेडिकल कॉलेज की जरूरत के मुताबिक निजी अस्पताल का भी का विकास करेगी.