अलवर. जिले की एफबीएनसी निफ़्टी के साथ टाईअप के तहत संचालित होती है. यह राजस्थान की सबसे पुरानी व बड़ी एफबीएनसी यूनिट है. यहां पर नर्सिंग कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाती है व कई कार्यक्रमों का आयोजन हो चुका है. मंगलवार को सुबह एफबीएनसी अचानक आग का गोला बन गई. जिसमें एक छोटी बच्ची झुलस गई.
अलवर का एफबीएनसी वार्ड में लगी आग दअरसल वहां रखे ग्रेडियंट वार्मर में अचानक शार्ट सर्किट होने से आग लग गई. इससे एफबीएनसी यूनिट में धुंआ हो गया है व यूनिट की लाइट चली गई. रेडिएंट वार्मर में आग की लपटें निकलती हुई देख वहां मौजूद स्टाफ ने हिम्मत नहीं हारी और आगे बढ़कर वहां भर्ती बच्चों को बाहर निकाला. उन्होंने जलते हुए रेडियंट वार्मर को हटाकर अलग किया. उसके बाद एफबीएनसी यूनिट में भर्ती सभी 15 बच्चों को दूसरी तरफ शिफ्ट किया गया और उनको ऑक्सीजन लगाया गया.
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान वहां काम करने वाले तीन नर्सिंग कर्मियों के हाथ जल गए. इसमें एक की हालत गंभीर है. उसका आईसीयू में इलाज चल रहा है, जबकि अन्य का भी इलाज जारी है. मामला शांत होने के बाद बच्ची के परिजनों को घटना की जानकारी दी गई. उन्होंने अस्पताल में पहुंचकर हंगामा किया व बच्ची लेने से मना कर दिया, तो वहीं बच्ची की हालत खराब होती थी. अस्पताल प्रशासन ने उसे जयपुर के लिए रेफर किया. एक डॉक्टर एंबुलेंस में बच्ची को लेकर जयपुर के जेके लोन अस्पताल में गए व उसका इलाज लगातार जारी है.
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बच्ची के परिजन अस्पताल प्रशासन पर लगातार लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य निदेशक केके शर्मा ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए. इसके बाद जयपुर जोन के संयुक्त निदेशक अलवर पहुंचे व इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मामले की रिपोर्ट तैयार करके स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय भेज दी गई है। इसमें इस मामले से जुड़े हुए सभी लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं, तो वहीं इसमें कुछ कर्मचारियों की लापरवाही का मामला सामने आया है.