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संभागीय आयुक्त ने अलवर में अधिकारियों की ली क्लास, सुधार के लिए डेढ़ महीने का दिया अल्टीमेटम

जयपुर संभागीय आयुक्त डाॅ. सुमित शर्मा ने जिला परिषद सभागार में अधिकारियों की क्लास ली. आयुक्त ने अधिकारियों को डेढ़ महीने का अल्टीमेटम दिया. उन्होंने अधिकारियों से सीधे सवाल किए तो वे जवाब देने के बजाय चुप्पी साधे बैठ रहे. वहीं, आयुक्त ने अतिक्रमण को अलवर का सबसे बड़ा मुददा बताया और नगर परिषद और यूआइटी के अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में उनकी प्रस्तावित 8 अप्रैल की आगामी बैठक में इस समस्या का स्थाई समाधान कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देश दिए.

Jaipur Divisional Commissioner, Dr. Sumit Sharma, अलवर में बैठक
अलवर में जयपुर संभागीय आयुक्त ने ली अधिकारियों की बैठक

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Published : Feb 12, 2021, 10:34 AM IST

अलवर.जयपुर संभागीय आयुक्त डाॅ. सुमित शर्मा ने जिला परिषद सभागार में अधिकारियों की क्लास ली. आयुक्त ने अधिकारियों को डेढ़ महीने का अल्टीमेटम दिया. उन्होंने अधिकारियों से सीधे सवाल किए तो वे जवाब देने के बजाय चुप्पी साधे बैठ रहे. वहीं, आयुक्त ने अतिक्रमण को अलवर का सबसे बड़ा मुददा बताया और नगर परिषद और यूआइटी के अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में उनकी प्रस्तावित 8 अप्रैल की आगामी बैठक में इस समस्या का स्थाई समाधान कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देश दिए.

अलवर में जयपुर संभागीय आयुक्त ने ली अधिकारियों की बैठक

वहीं, आयुक्त ने परिवहन, स्वास्थ्य, अस्पतालों में चिकित्सकों की ओर से लिखी जाने वाली दवा, जांच, सोनोग्राफी में कमीशन का खेल, जेनेरिक दवाई नहीं लिखने और उनकी कमी, कोरोना वैक्सीनेशन में अनियमितता सहित स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और लीपापोती वाले जवाबों से नाराज होकर अधिकारियों को खरी खरी सुनाई. ज्यादातर विभागों की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट होकर उन्होंने जिला कलक्टर को लापरवाही और अनियमिता बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. संभागीय आयुक्त और जिला आबकारी अधिकारी के बीच कुछ देर के लिए नोकझोंक भी हुई. बाद में संभागीय आयुक्त ने जिला कलक्टर को जिला आबकारी अधिकारी और दो आबकारी निरीक्षकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. जिला कलक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने कहा कि शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दो बाजारों के अतिक्रमण के हटाने की योजना तैयार की गई है.

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स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर जताई नाराजगी

स्वास्थ्य विभाग की अनेक अनियमितता सामने आने पर संभागीय आयुक्त ने विभागीय कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई. सीएमएचओ को सीएचसी, पीएचसी में डाॅक्टर, एएनएम और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने, अस्पतालों में प्रसव के बाद स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से रुपए मांगने की प्रवृति, अस्पतालों के बाहर बड़ी संख्या में खुले मेडिकल स्टोर, जांच केन्द्र पर नियंत्रण करने, सभी रोगियों को चिकित्सकों की ओर से जेनेरिक दवा ही लिखने, निशुल्क जांच सुविधा में अस्पताल में ही जांच और सोनोग्राफी कराने, जननी सुरक्षा की राशि का भुगतान नहीं करने, भुगतान में देरी के लिए दोषी कर्मचारी की जिम्मेदारी तय करने, अस्पतालों में ओपीडी कम होने सहित अन्य कार्यों में अनियमिता पर नाराजगी जताई. साथ ही परिवहन विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को गंभीर बताते हुए संभागीय आयुक्त ने जिला परिवहन अधिकारी को खरी-खरी सुनाई. उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक की ओर से वहां भ्रष्टाचार पकड़ा गया है.

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सुबह 9 से रात 9 बजे तक होगी हॉस्पिटल में जांच

राजीव गांधी साामन्य चिकित्सालय के पीएमओ को सुबह 9 से रात 9 बजे तक निशुल्क जांच योजना में जांच करने, एक्स-रे, एक सप्ताह में शुरू कराने के निर्देश दिए. इसके अलावा कोविड आईसीयू में डांस करने वाले नर्सिंग कर्मियों को एपीओ करने, पीपीई किट की राशि वसूलने, कोरोना वैक्सीनेशन में अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. निजी सेंटरों पर सोनाग्राफी की बढ़ती संख्या का कारण कमीशन का खेल बताया. वहीं, चिकित्सकों की ओर से निजी सेंटरों पर मरीजों की जांच कराने और ब्रांडेड के नाम पर बाहर की दवा लिखने में कमीशन की बात कही.

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