अलवर. सरिस्का के जंगल क्षेत्र में 29 गांव में से 10 गांव घने जंगल के (Sariska Tiger Reserve) क्षेत्र में हैं. इनमें से अब तक 6 गांव पूरी तरह से विस्थापित हो चुके हैं. अन्य गांवों को भी विस्थापित करने की प्रकिया चल रही है. ग्राम लोज के 99 परिवारों को तिजारा रूंध में बसाया जा रहा है. इस ग्राम के विस्थापन से सरिस्का टाइगर रिजर्व के उत्तर दिशा के वन क्षेत्र में बाघ और अन्य वन्यजीवों के स्वच्छंद विचरण के लिए क्षेत्र मिलेगा, जिसमें ग्रामीणों का महत्वपूर्ण योगदान है. इससे पहले भी साल 2020-21 में भी पास के ग्राम पानीढाल को भी पूरे तरीके से विस्थापित किया गया था.
सरिस्का के लोज नाथूसर गांव के 32 परिवार हुए विस्थापित - Rajasthan Hindi News
सरिस्का के घने जंगल क्षेत्र में बसा ग्राम लोज नाथूसर के 32 परिवार सोमवार को घरेलू (Families of nearby village of Sariska displaced) सामान सहित विस्थापन स्थल तिजारा रूंध के लिए रवाना हुए. ऐसे में सरिस्का के जंगल से एक गांव और विस्थापित हुआ. गांवों के विस्थापित होने से जंगली जीवों को घूमने के लिए खुला क्षेत्र मिलेगा.
ग्राम लोज नाथूसर के 32 परिवारों के ग्रामीणों को 14 ट्रैक्टर और 2 पिकअप वाहनों में घरेलू सामान भरकर (Families of nearby village of Sariska displaced) विस्थापन स्थल तिजारा रूंध के लिए रवाना किया गया. उप वन संरक्षक बाघ परियोजना सरिस्का सुदर्शन शर्मा ने बताया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल हैबिटेट सीटीएच में स्थित ग्राम लोज से स्वैच्छिक विस्थापन के लिए ग्रामीणों ने तिजारा रूंध में विस्थापन करने के लिए अपनी सहमति दी थी. जिसके तहत ग्राम लोज नाथूसर के 32 परिवारों को तिजारा रूंध के लिए रवाना किया गया है. सरिस्का के जंगल क्षेत्र में मानव दखल ज्यादा रहता है. जिसके चलते आए दिन शिकार के मामले सामने आते हैं. गांव के विस्थापित होने से वन्यजीवों को खुला क्षेत्र मिल सकेगा.
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