अजमेर. पूरे देश भर में अजमेर धार्मिक नगरी के नाम से पहचाना जाता है. अजमेर से लगभग 13 किलोमीटर दूर पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर स्थित है, तो वहीं दूसरी और सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह भी स्थित है. इन दोनों से काफी लोगों का व्यापार जुड़ा है. दोनों ही धार्मिक स्थानों पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं और जायरीनों की आवक लगातार बनी रहती है. लेकिन धार्मिक स्थानों से जुड़े व्यापारी मौजूदा हालात में काफी परेशान हैं.
व्यापारियों की उम्मीद को झटका पूरे देश भर में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर दिख रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके बाद सभी धार्मिक स्थानों को भी बंद कर दिया गया था. वहीं, धार्मिक स्थानों को बंद करने के बाद उससे जुड़े व्यापारियों की हालत पिछले करीब 6 महीनों से खराब है. उन्हें आशा थी कि अनलॉक 4.0 में धार्मिक स्थानों को खोलने की अनुमति के बाद उनके हालातों में धीरे-धीरे सुधार होगा. लेकिन उनकी उम्मीदों पर फिर से पानी फिर गया.
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सम्राट पृथ्वीराज चौहान की नगरी अजमेर में भी 2 बड़े धार्मिक स्थान स्थित हैं. 7 सितंबर को धार्मिक स्थानों को खोलने की अनुमति दी गई, जिसके बाद सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह और ब्रह्मा मंदिर को भी खोल दिया गया. लेकिन राजस्थान सरकार की गाइडलाइन के तहत मंदिरों और दरगाह पर फूल व चढ़ावा चढ़ाने पर पाबंदी लगा दी गई. इसके कारण धार्मिक स्थानों से जुड़े व्यापारियों की स्थिति जस की तस बनी हुई है.
जा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह दरगाह शरीफ में स्थित 100 दुकानें अब भी बंद
सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के खादिम एसएफ हशन चिश्ती ने बताया कि मंदिर और मस्जिद तो राज्य सरकार के आदेशों के बाद खोल दिए गए हैं. लेकिन दरगाह से जुड़े व्यापारियों की हालत काफी गंभीर है. उन्होंने कहा कि दरगाह शरीफ के अंदर करीब 100 से अधिक दुकानें हैं, जिनका व्यापार दरगाह शरीफ से ही चल पाता है. लेकिन सभी दुकानों को राज्य सरकार की ओर से बंद रखने का आदेश दिया गया है.
खादिम नफीस मियां चिश्ती ने बताया कि राज्य सरकार को धार्मिक स्थानों के साथ-साथ उनसे जुड़े व्यापारियों के बारे में भी सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीनों से वैसे ही उनके व्यापार बंद पड़े थे. धार्मिक स्थानों को खोलने के बाद फूल, चादर सहित प्रसाद पर पाबंदी लगाने के कारण एक बार फिर उनकी कमर टूट गई है.
आम दिनों में दरगाह में पेश होता है 1500 किलो से अधिक फूल
मंडी व्यापारी अनीश मारोठिया ने जानकारी देते हुए बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आम दिनों में करीब 15 किलो से अधिक गुलाब की खपत होती है. इसके अलावा पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर में भी गुलाब के फूलों की खपत अधिक रहती है.
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वहीं, किसानों का कहना है कि धार्मिक स्थल खुलने के बाद उन्हें आशा की किरण नजर आई थी, लेकिन फूल, चादर और चढ़ावे पर पाबंदी के कारण उन्हें एक बार फिर आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. उनका कहना है कि उनके सामने अपने परिवार को पालने की संकट खड़ी हो गई है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि गुलाब की खेती करने वाले और दरगाह शरीफ में चादर बेचने वाले दुकानदारों सहित प्रसाद के वितरण पर भी रोक हटा देनी चाहिए.