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Special: खुली मिठाइयों पर Best Before लिखने का विरोध...दुकानदारों ने दी ये दलील - sweet shopkeepers

खुली मिठाइयों पर 1 अक्टूबर से Best Before या किस तारीख को मिठाई बनाई गई है लिखना अनिवार्य हो गया है. इस नियम के पक्ष में जहां सरकार लोगों की सेहत का हवाला दे रही है तो मिठाई व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं. देखिये अजमेर से ये खास रिपोर्ट...

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खुली मिठाइयों पर Best Before लिखना कितना सही

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Published : Oct 11, 2020, 7:53 PM IST

अजमेर. 1 अक्टूबर से भारत सरकार ने खुले में बिकने वाली मिठाइयों के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं. अब दुकानदारों को खुली मिठाइयों पर भी एक्सपायरी डेट लिखनी होगी. FSSAI के नए नियम के मुताबिक खुली बिकने वाली मिठाइयों पर ये लिखना होगा की ये मिठाई कब बनाई गई थी और कब तक इसका यूज किया जा सकता है. सरकार ने यह कदम लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया है.

खुली मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट लिखना अनिवार्य...

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अगर दुकानदार इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियम सेक्शन 58 के तहत 2 लाख तक का चालान कर सकते हैं. नए नियमों की पालना के लिए देशभर में खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को पाबंद किया गया है, लेकिन सरकार के इस नियम का दुकानदार विरोध कर रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि इससे डिब्बा बंद मिठाइयों का चलन बढ़ेगा और रोजाना बनने वाली ताजा मिठाइयों में कमी आएगी.

नए नियम का उल्लंघन करने पर 2 लाख तक का चालान...

ईटीवी भारत से बातचीत में मिठाई दुकानदारों से बातचीत की और उनके विरोध की वजह जानी. अजमेर मिठाई विक्रेता एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गर्ग बताते हैं कि जलेबी, मालपुआ और तरल मिठाइयां रोज बनती है और बिक जाती हैं. ऐसी मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट लिखना व्यावहारिक तौर पर गलत है. उन्होंने कहा कि इससे अफसरशाही बढ़ेगी. उनका कहना है कि पेस्ट्री, केक और बिस्किट जैसे आइटम पर यह नियम लागू नहीं होता है. जबकि केक 8, 10 घंटों में ही खराब हो जाता है.

अफसरशाही बढ़ने का दुकानदार जता रहे अंदेशा...

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दूसरे मिठाई दुकानदारों का कहना है कि सरकार के इस नए नियम के बाद लोकल मिठाइयों का मार्केट कम हो जाएगा और डिब्बा बंद मिठाइयों का चलन बढ़ जाएगा. दुकानदारों का कहना है कि कुछ मिठाइयां ऐसी होती हैं कि वो 8 से 10 घंटे में यूज करनी होती हैं, उसके बाद वो खराब हो जाती हैं. ऐसे में उन पर एक्सपायरी डेट लिखना कहीं से भी उचित नहीं है. वहीं, दुकानदार डिब्बा बंद मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट लिखने की बात से सहमत नजर आते हैं. मिठाई विक्रेता एसोसिएशन ने नए नियम के खिलाफ सांसद भागीरथ चौधरी को ज्ञापन सौंपा और इसे निरस्त करने की मांग की.

क्या कहना है प्रशासन का...

अजमेर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सैनी ने बताया कि सभी मिठाई के विक्रेता, निर्माता, होलसेल व्यापारी और डिस्ट्रीब्यूटर को यह अनिवार्य होगा कि जो भी दूध से बनी या दूसरी मिठाइयां बेचते हैं उनको मिठाइयों पर मैन्युफैक्चरिंग डेट या बेस्ट बिफॉर लिखना अनिवार्य होगा. यानी उनको ये बताना होगा कि मिठाई कब बनाई गई है और इसका कब तक यूज सही रहेगा. खाद्य अधिकारी ने बताया कि FSSAI ने 30 सितंबर को ही इसका नोटिफिकेशन जारी करके देशभर के खाद्य अधिकारियों को यह नया नियम इंम्पलिमैंट करने को कहा गया है. लेकिन कोरोना और फिर सरकारी छुट्टियों के चलते इसमें कुछ देरी हो रही है. जल्द ही इस संबंध में सभी मिठाई दुकानदारों को नियम फॉलो करने के लिए कहा जाएगा और जो इसका पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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