अजमेर.अजमेर में नगर निगम चुनाव परिणाम में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि शहरी मतदाताओं में कांग्रेस की पकड़ ढीली हो गई है. अजमेर उत्तर के 6 और दक्षिण क्षेत्र से 12 सीटें ही कांग्रेस जीत पाई जबकि 2015 में कांग्रेस ने 22 वार्ड जीते थे. इस लिहाज से कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. जबकि प्रदेश में कांग्रेस सत्तारूढ़ पार्टी है.
इस बार कांग्रेस के पास नगर निगम में काबिज होने का काफी अच्छा मौका था. जानकारों का कहना है कि स्थानीय कांग्रेसियों की गुटबाजी नहीं कांग्रेस के जहाज को डुबो दिया. वर्चस्व की जंग स्थानीय कांग्रेस में इस कदर हावी हो गई कि अपनी ही पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ भितरघात हुई वरन पार्टी प्रत्याशियों को हराने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी भी उतारे गए.
इस कारण कांग्रेस के कई दिग्गज चुनावी मैदान में धराशायी हो गए. कांग्रेस के निवर्तमान शहर अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि पार्टी की हार की समीक्षा की जाएगी. जैन ने साफ कहा कि कांग्रेस प्रत्याशियों को हराने के लिए पार्टी के ही एक बड़े नेता ने दक्षिण क्षेत्र से हर वार्ड में उम्मीदवार उतारे थे. उन्होंने बताया कि गुटबाजी टिकट वितरण से पहले तक हो सकती है लेकिन जब पार्टी ने टिकट तय कर दिए हैं तो सभी का दायित्व होता है कि प्रत्याशियों को जिताये.
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लेकिन अजमेर दक्षिण और अजमेर उत्तर में पार्टी के ही बड़े नेता ने निर्दलीय प्रत्याशी उतारकर पार्टी को नुकसान पहुंचाया है. कांग्रेसी कम सीटें आने की यही वजह है. कैसे नेता और वार्डों में प्रत्याशियों के खिलाफ भितरघात करने वाले और बागियों की सूची प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपी जाएगी.