अजमेर. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड पर लिगेसी वेस्ट का कार्य आरंभ हो गया है. पोकलेन मशीन की मदद से वर्षों से जमीन में दबे कचरे को उथल-पुथल किया जाएगा. इसके बाद टोमल (मशीन) की मदद से कचरे को अलग-अलग किया जाएगा. यहां पर 3 लाख 60 हजार टन कचरा साफ करने की क्षमता का प्लांट लगाया जाएगा. प्लांट के आरंभ होने के बाद शहर को लिगेसी वेस्ट (पुराना एवं प्रत्यक्त कूड़ा) से निजात मिलेगी.
उल्लेखनीय है वर्तमान में अजमेर शहर में लगभग 250 टन कचरा प्रतिदिन उत्पन्न हो रहा है. जो कि माखुपुरा ट्रेंचिंग ग्राउंड में डाला जा रहा है. यह व्यवस्था गत कई वर्षों से जारी है. जिसके चलते वहां 27 एकड़ क्षेत्र में कचरा फैल चुका है. वर्तमान में कचरे को अलग-अलग करने के लिए टोमल (मशीन) लगाने के लिए जमीन को समतल करने के लिए पोकलेन मशीन साइट पर आ चुकी है. शीघ्र ही जमीन को समतल कर टोमल (मशीन) लगाने का कार्य किया जाएगा. पोकलेन मशीन के माध्यम से कचरे को उथल-पुथल करते हुए आगे की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी.
इस मशीन के माध्यम से विभिन्न साइज और विभिन्न प्रकार के कचरे को अलग-अलग किया जाएगा. कचरे में प्राप्त उपयोगी वस्तु जैसे प्लास्टिक, कागज आदि को उपयोग के अनुसार ठेकेदार की ओर से ही निस्तारित किया जाएगा. शेष रही मिट्टी को ट्रेंचिंग ग्राउंड में ही बिछाकर समतल किया जाएगा. इस कार्य पर लगभग 9 करोड़ व्यय होने का अनुमान है.
प्लांट में पुराने कूड़े से प्लास्टिक, पॉलीथिन आदि ज्वलनशील पदार्थ को अलग किया जाएगा. इसके अलावा मिट्टी और कंक्रीट को भी अलग-अलग किया जा सकेगा. लिगेसी वेस्ट से निकलने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल ईंधन के रूप में हो सकेगा. इस ईंधन की डिमांड सीमेंट फैक्ट्रियों में रहती है.