अजमेर.रेलवे कर्मचारी हेमंत गहरवार का हौसला उनके भतीजे हर्षद सिंह और बेटे मयंक सिंह ने बढ़ाया. दोनों युवाओं ने ठान लिया था कि हेमंत के शरीर में 76 पर आए ऑक्सीजन लेवल को 95 पर लाना है. 6 दिन लगातार मॉनिटरिंग और मरीज का मनोबल बढ़ाये रखने से यह संभव हुआ. हेमंत सकुशल अपने परिवार के साथ हैं.
बता दें कि 55 वर्षीय हेमंत गहरवार का 4 सदस्य परिवार है. परिवार के 3 सदस्यों की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. हेमंत गहरवार की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. परिवार में सभी सदस्यों में कोरोना के समान लक्षण थे. 21 अप्रैल की रात को हेमंत गहरवार की अचानक तबीयत बिगड़ गई. उन्हें रेलवे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां से उन्हें जेएलएन अस्पताल में रेफर कर दिया गया.
हेमंत गहरवार की किस्मत अच्छी थी कि उन्हें उस वक्त जेएलएन अस्पताल में बेड मिल गया. अस्पताल में हर तरफ कोरोना के मरीज थे जिनके बीच दहशत का माहौल था. हेमन्त को संभालने के लिए कोई नहीं था. परिवार के सदस्य भी कोरोना की गिरफ्त में थे. तब कोटा से उनके 22 वर्षीय भतीजे हर्षद सिंह ने आकर चाचा को संभाला. अस्पताल में चाचा का मनोबल बढ़ाए रखा.