राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

SPECIAL: अजमेर में 0 से 15 साल तक के 92 बच्चे संक्रमित, बेहतर रिकवरी रेट के साथ मृत्यु दर रही शून्य

प्रदेश में दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. इस संक्रमण से लोगों की मौतों का भी आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अगर बात अजमेर जिले की करे तो यहां अब तक संक्रमितों का कुल आंकड़ा 2099 पर पहुंच गया. इस संक्रमण अब कुल 50 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं संक्रमित बच्चों के आंकड़ों की बात की जाए तो जिले में 15 साल तक के 92 बच्चे संक्रमित पाए गए, जिनका रिकवरी रेट बड़ों की तुलना में काफी बेहतर रहा. साथ ही बच्चों में मौतों का आंकड़ा भी शून्य रहा. देखें स्पेशल रिपोर्ट...

ajmer news, अजमेर समाचार
15 साल तक के 92 बच्चे हुए संक्रमित

By

Published : Aug 3, 2020, 8:08 PM IST

अजमेर.प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. अजमेर जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2099 पर पहुंच गई है. इस संक्रमण अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है. इस संक्रमण से हुई मौतों में ज्यादातर बुजुर्ग शामिल है, जो अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे. वहीं, जवान और बच्चों में रिकवरी रेट काफी बेहतर है. अगर सिर्फ बच्चों की बात की जाए तो इससे संक्रमित बच्चों की संख्या भी कम है और मौतों का आंकड़ा भी शून्य है.

अगर संक्रमित बच्चों के आंकड़ों की बात की जाए तो 0-5 वर्ष तक 18, 6-10 वर्ष तक 32 और 11 से 15 वर्ष तक 44 बच्चें कोरोना से संक्रमित हुए है. राहत की बात यह है कि यह सभी बच्चे ठीक होकर घर भी जा चुके है. ऐसा माना जा रहा है कि बच्चों में इम्युनिटी पॉवर स्ट्रांग होती है, जिससे संक्रमित बच्चे जल्द ही ठीक हो गए. अजमेर मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राचार्य डॉ. संजीव माहेश्वरी इसे रिसर्च का विषय मानते हैं.

15 साल तक के 92 बच्चे हुए संक्रमित

डॉ. माहेश्वरी बताते हैं कि जेएलएन अस्पताल में फिलहाल कोई भी बच्चा कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है. उन्होंने बताया कि उनके अनुभव के अनुसार ज्यादातर बच्चों में उनके परिजनों के संक्रमित होने से उनमें संक्रमण फैला. उन्होंने बताया कि बच्चों के शरीर के ऑर्गन्स बुजुर्ग और जवानों की तुलना में ज्यादा बेहतर तरीके से काम करते है. साथ ही कहा कि संक्रमण के इस दौर में स्कूल भी बंद है, जिससे बच्चे घर से कम ही निकल रहे है. यही कारण है कि बच्चों में कोरोना का संक्रमण काफी कम फैल रहा है.

बच्चों का संक्रमण से ठीक होना चर्चा का विषय

पढ़ें-Reality Check: न दवा न जांच...होम आइसोलेशन को लेकर सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

वहीं, जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल जैन का कहना है कि कोविड-19 के जो लक्षण बताए गए है, वो बच्चों में भी दिखते है. इनमें बुखार आना, जुकाम, निमोनिया होना, सांस तेज चलना, दूध या भोजन कै सेवन नहीं करना शामिल है. डॉ. जैन ने बताया कि बच्चे के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद यह देखा जाता है कि उसे कोरोना संक्रमण किस स्तर तक है. इसके बाद भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पॉजिटिव बच्चे का उपचार किया जाता है.

बच्चों का रिकवरी रेट भी बेहतर

उन्होंने कहा कि अस्पताल में जो बच्चे भर्ती हुए हैं, वे सभी ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं. इसका कोई सामान्य कारण नहीं है, लेकिन हो सकता है कि जो दो वैक्सीन उन्हें दिया जा रहा है, वह उनके लिए कारगर साबित हो रहा हो. डॉ. जैन ने कहा कि उपचार के दौरान सामान्य तौर पर बीसीजी का वैक्सीन लगाया जाता है. दूसरा एमएमआर वैक्सीन सभी बच्चों को लगाया जाता है. जो बच्चों को काफी हद तक सुरक्षित कर रहा है. साथ ही कहा कि बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए डब्ल्यूएचओ और सरकार ने अभी तक स्कूल, पिक्चर हॉल्स और मॉल्स चालू नहीं किए गए है.

घर पर ही खेलते बच्चे

पढ़ें-करौली जिला अस्पताल की विभिन्न इकाईयां नए भवन में हुई स्थानांतरित, लोग कर रहे विरोध

साथ ही डॉ. अनिल जैन ने कहा कि अगर कोविड-19 के गाइडलाइन की बात की जाए तो 10 साल तक के बच्चों को घर से निकलने पर मनाही है. ऐसे में घर पर रहते हुए बच्चे ज्यादा सुरक्षित है. लेकिन फिर भी यदि बाहर निकलना पड़े तो सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क का जरूर उपयोग करें. इसके साथ ही बच्चों में साबुन से बार-बार हाथ धोने की आदत विकसित करें. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बच्चें उतने प्रभावित नहीं हो रहे है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बच्चों में संक्रमण नहीं फैल रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details