अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग के स्थापना दिवस के अवसर पर वीसी के जरिये जुड़े मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot in RPSC Program) ने कहा कि संविधान के अंतर्गत बनी राजस्थान लोक सेवा आयोग जैसी संस्थाएं पंडित जवाहर लाल नेहरु की सोच थी. इन संस्थाओं में पीएससी, यूपीएससी, चुनाव आयोग, नीति आयोग, भाषा आयोग, आईआईटी, आईआईएम, राजस्थान यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसेवा आयोग की जिम्मेदारी बड़ी है. युवाओं का भविष्य बनाने में यह संस्था उदाहरण है. कई राज्यों में संस्थाओं के विश्वास को लेकर विवाद खड़े होते हैं. लेकिन राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 72 वर्षों से अपनी प्रतिष्ठा बना रखी है. संस्था की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने में यहां के पूर्व अध्यक्ष, सदस्य और सचिव के अलावा अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका रही है. सीएम ने कहा कि एमपी कुमावत की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट लागू की जाएगी. सरकार नौकरियां निकाल रही है.
सीएम ने कहा कि आयोग अध्यक्ष की ओर से वर्ष 2022 का परीक्षा कैलेंडर जारी किया गया है. आयोग की ओर से किए गए नवाचार ग्रीवेंस पोर्टल, ऑन स्क्रीनिंग मार्किंग अभिनव प्रयोग है. आईटी का जमाना है, राजीव गांधी की सरकार में जब कंप्यूटर और मोबाइल के बारे में चर्चा की जाती थी तो लोग कहते थे कि यह क्या है ? इससे क्या होगा. आज इंटरनेट नॉलेज पाने का बड़ा जरिया बन चुका है.
पढ़ें- RPSC News Update: विशेषज्ञों की सूची होगी अपडेट, प्रश्नपत्र गुणवत्ता और परीक्षा प्रणाली में गुणवत्ता संवर्धन के लिए बनेगी कमेटी
पूर्व अध्यक्षों, सचिवों को बुलाया गया
आरपीएससी स्थापना दिवस कार्यक्रम (RPSC Foundation Day) में पूर्व अध्यक्षों और सचिवों ने अपने अनुभवों को साझा किया. आयोग की वर्तमान कार्य प्रणाली की प्रशंसा भी की. आयोग अध्यक्ष डॉ. शिव सिंह राठौड़ ने बताया कि आयोग ने अभ्यार्थियों की सुविधाओं और कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए कई नवाचार किए हैं. इनमें ऑनस्क्रीन मार्किंग ( ओ एस एम ) को अन्य प्रदेश की लोक सेवा आयोग ने भी अपनाया है.
2022 में होंगी 73 परीक्षाएं
डॉ राठौड़ ने अपने संबोधन में वर्ष 2022 में जनवरी से लेकर दिसंबर तक का परीक्षा कैलेंडर जारी (RPSC exam calendar released) करने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि आयोग 73 परीक्षाएं वर्ष 2022 में आयोजित करेगा. आयोग का प्रयास रहेगा कि यह सभी परीक्षाएं समयावधि में पूर्ण हो. इसके अलावा आयोग सदस्यों और अधिकारियों से चर्चा करके इन परीक्षाओं के रिजल्ट और साक्षात्कार के कार्यक्रम भी समय पर जारी किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग राव कमीशन की सिफारिश पर 22 दिसंबर 1949 अजमेर को मिला था. इससे पहले आरपीएससी जयपुर में थी.
आयोग ने सदैव विश्वसनीयता, निष्पक्षता और उत्तम चयन प्रक्रिया को बनाए रखा है. यही वजह है कि प्रदेश के युवाओं का भरोसा आयोग में बना हुआ है. बेरोजगार युवाओं को समय पर नौकरी मिले उनके साथ न्याय हो सके इसके लिए आयोग सतत प्रयासरत है.