डूंगरपुर.नीदरलैंड सरकार की ओर राजस्थान के डूंगरपुर नगर परिषद के सभापति कृष्णकांत गुप्ता को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है. गुप्ता को यह सम्मान स्वच्छ्ता और ठोस कचरा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया है. यह सम्मान मिलने के बाद डूंगरपुर शहर के लोगों में खुशी की लहर है.
नई दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित समारोह में डूंगरपुर नगर सभापति केके गुप्ता को नीदरलैंड सरकार के राष्ट्रदूत मार्टिन वेन डेन बर्ग ने यह सम्मान दिया है. समारोह में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव वीरेंद्र कुमार जिंदल, फिनिश संस्था के चेयरमैन कुलवंतसिह, वेस्ट नीदरलैंड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर वेलेटीन पोस्ट मौजूद थे. नीदरलैंड सरकार की ओर डूंगरपुर शहर में स्वच्छता के साथ ही ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए देश और राजस्थान की एकमात्र डूंगरपुर निकाय को यह सम्मान मिला है. इस मौके पर डूंगरपुर सभापति केके गुप्ता ने कहा कि डूंगरपुर ने स्वच्छ्ता में पूरे देश मे बेहतरीन कार्य किया है.
डूंगरपुर परिषद के सभापति को नीदरलैंड की सरकार ने किया सम्मानित आपको बता दें कि नीदरलैंड सरकार ने अपने फाउंडेशन द्वारा स्वच्छ्ता ओर ठोस कचरा प्रबंधन एवं सेपेटेज वेस्ट निस्तारण पर रिसर्च करने के लिए पूरे अफ्रीका और एशिया के 16 शहरों का चयन किया था. जिसमें देश के 4 शहरों में डूंगरपुर निकाय भी शामिल थी. विश्व स्तर पर ख्यातनाम अमेरिका की बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सदस्य 7 जनवरी 2018 को डूंगरपुर आए थे. इस दौरान वे डूंगरपुर में स्वच्छ्ता और कचरा प्रबंधन से प्रभावित हुए. फाउंडेशन की सदस्य प्रिस्का ने डूंगरपुर शहर की स्वच्छता से सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं. इसके बाद फाउंडेशन की ओर से समय-समय पर रिसर्च किया जाता रहा. डूंगरपुर में स्वच्छता को लोकर बेहतर कार्यों का नीदरलैंड के फाउंडेशन ने अध्ययन किया. जिसके बाद निकाय के सभापति को सम्मानित किया गया.
स्वच्छ्ता सर्वे में देश मे तीसरे स्थान पर रहा डूंगरपुर
गौरतलब है कि इस साल देश में हुए स्वच्छ्ता सर्वे में भी डूंगरपुर अव्वल रहा था. नगर निकाय के सभावपति केके गुप्ता ने बताया कि डूंगरपुर नगरपरिषद ने स्वच्छ्ता सर्वे में देशभर में 7वां स्थान हासिल किया था. वहीं 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों में डूंगरपुर तीसरे स्थान पर रहा. इसके अलावा सिटीजन फीडबैक में पहला स्थान हासिल करने के साथ ही राज्य की पहली ओडीएफ निकाय होने का गौरव भी हासिल है.