उमरिया। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बाघिन टी- 42 और उसके एक शावक की मौत के बाद पार्क में अलर्ट घोषित कर दिया गया है. जंगल की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में गश्ती दल तैनात कर दिए गए हैं और पार्क की सभी संवेदनशील सीमाओं पर स्थायी निगरानी की व्यवस्था की गई है. एसडीओ फॉरेस्ट अनिल शुक्ला ने बताया कि ठंड के दिनों में मौसम का फायदा उठाकर शिकारी पार्क में घुसने का प्रयास करते हैं. जिस पर रोक लगाने के लिए अलर्ट घोषित किया जाता है. पार्क खुलने के बाद यूं तो सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, लेकिन अब इस सुरक्षा को और पुख्ता बनाया जा रहा है.
पार्क डायरेक्टर ने विगत दिनों उन सभी क्षेत्रों का निरीक्षण किया, जहां पर खासतौर से निगरानी की आवश्यकता महसूस की जा रही है. इसके बाद उन्होंने अधिकारियों से चर्चा की और बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए. सभी छह एसडीओ और नौ रेंजरों को मानसून के दौरान एलर्ट रहने के लिए कहा गया है. साथ ही सभी को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. पार्क के चारों तरफ विभिन्न गांवों में रहने वाले लोग और यहां डेरा डालने वाले बहेलिए बारिश के दौरान सक्रिय हो जाते हैं. खासतौर से बहेलियों के कैंप पर नजर रखने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. पार्क से जुड़े हुए कुछ गांवों में पन्ना, छतरपुर की तरफ से आने वाले पारदी और बहेलिया अपना कैंप लगा लेते हैं और यहीं पर निवास करने लगते हैं.
व्यवस्था चाकचौबंद