शहडोल।इन दिनों पितृपक्ष चल रहे हैं और अब पितृमोक्ष अमावस्या का दिन भी आने वाला है जो काफी विशेष माना गया है. आखिर पितृ मोक्ष अमावस्या का दिन क्यों है विशेष, इस दिन तर्पण करने का क्या है महत्व, किन चीजों को चढ़ाने से मिलती है मुक्ति और इस दिन को अज्ञात दिन क्यों माना जाता है. आखिर इस विशेष दिन किसी का भी श्राद्ध तर्पण क्यों किया जा सकता है. इन सब बातों के जवाब जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से. (25 September Pitru Moksha Amavasya)
25 सितंबर को पितृ मोक्ष अमावस्या:ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, 25 सितंबर को पितृ मोक्ष अमावस्या है. जैसे दीपावली, दशहरा अन्य त्योहार होते हैं, यह देवताओं के शुभ माने जाते हैं, ठीक उसी तरह 25 सितंबर 2022 को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या का दिन है. इस दिन को अज्ञात तिथि भी माना जाता है, अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचमी, अष्टमी, एकादशी या किसी भी दिन हुई हो और पता ना हो मतलब मृत्यु की तिथि अज्ञात हो कि मौत के दिन कौन सी तिथि थी, तो शास्त्रों में लिखा है कि पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन इनका श्राद्ध किया जाए. (Sarva Pitru Amavasya 2022)
पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन करें ये काम:ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस दिन सर्वप्रथम लोग स्नान करें. बाल बनवाए, दाढ़ी बनवाऐं, इसके बाद पीपल के पेड़ के पास जाकर के एक पिंड दान करें, या फिर पिंडदान नहीं कर पाते हैं तो पीपल में जल चढ़ाएं, दूध चढ़ाएं, तिली, चावल, जौ भी चढ़ाएं.