सतना। मैहर में बने स्टूडियो में विदेशी कलाकार हड़प्पा संस्कृति के बर्तन, मूर्तियां और साज सज्जा का सामान बनाते हैं. ये स्टूडियो भारत में एक ही है जिसकी संचालिका अंबिका बेरी को राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण अवार्ड से सम्मानित भी किया है.
विदेशी कारीगर यहां बनाते हैं हड़प्पा संस्कृति की कलाकृतियां, भारत में है ऐसा सिर्फ एक स्टूडियो
देशभर में ऐसा एकमात्र स्टूडियो है जहां विदेशी कलाकार आकर हड़प्पा संस्कृतियों को दर्शाती कलाकृतियां बनाते हैं.
इस स्टूडियो में विदेशी कलाकर अपनी अभिव्यक्ति से तरह-तरह की मूर्तियां और कलाकृतियां बनाते हैं. इन मनमोहक और रोचक कलाकृतियों में कई संस्कृतियों का समागम दिखाई देता है. इन कलाकृतियों को बनाने के लिए किसी भी तरह के सांचों का इस्तेमाल नहीं होता है. स्टूडियो में क्ले (मिट्टी), लकड़ी, पत्थर, मोम, आयरन, तांबा, पीतल का संग्रह रहता है, ताकि कलाकार अपनी पसंद से धातु का चुनाव कर सके. भारत के अलावा कोरिया, जापान, अमेरिका और इंग्लैण्ड के कलाकार इस स्टूडियो में अपनी कला को बिखेर रहे हैं.
स्टूडियो में खासकर हड़प्पा संस्कृति को दर्शाती कलाकृतियों को बनाया जाता है, जिसका इतिहास 1939 से कोरिया, जापान, चीन से बताया जाता है.