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मुख्यमंत्री के आदेश दरकिनार, जिले में बड़ी संख्या में चल रहे अवैध ईंट भट्टे

रायसेन जिले में इन दिनों अवैध ईंट भट्टा का कारोबार जोरों पर है, और इन ईट भट्टों की जानकारी न ही प्रशासन को है और नहीं जिम्मेदारों को, या यूं कहे जानकारी होने के बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

Raisen
रायसेन में अवैध ईंट भट्टे

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Published : Feb 2, 2021, 10:35 AM IST

रायसेन। जिले में इन दिनों अवैध ईंट भट्टा का कारोबार जोरों पर चल रहा है. भोपाल से सागर रोड, पर बड़ी संख्या में ईंट के भट्टे लगाए गए हैं. यहां न कोई जानकारी लेने वाला है न पूछने वाला है. ईंट भट्‌टा मालिक अपने तरीके से कार्य कर रहे हैं, न तो खनिज अधिकारी, न ही राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने अवैध रूप से चल रहे इस कारोबार को रोकने के लिए हिम्मत जुटाई है.

न लीज न ही मंजूरी

क्षेत्र में संचालित कई ईंट भट्टे ऐसे हैं जिनके पास न प्रशासन की अनुमति है, न ही खनिज विभाग से लीज ली गई है. यहां तक की पंचायत की अनुमित भी लेना जरूरी नहीं समझा गया. अवैध रूप से चल रहे इन ईंट भट्टों पर बाल मजदूर भी आसानी से देखे जा सकते हैं, जिनकी जानकारी श्रम विभाग के अधिकारियों को भी है लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही हैं.

इन स्थानों पर चल रहे अवैध ईंट के भट्टे

जिला मुख्यालय से लगे हुए भोपाल रोड स्थित ग्राम विलरखो, चोपड़ा, सेहतगंज, खरवाई, राजीवनगर, मकोडिया, नीम खेड़ा, नंद, क्योटी, मानपुर, रतनपुर बुद्धा, ताजपुर आदि रायसेन तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्रामों पर जोरों से अवैध इट भट्टे और उत्खनन जारी है.

पर्यावरण प्रदूषण का खतरा

क्षेत्र में चल रहे इन ईंट भट्टों से अब पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है. रहवासी क्षेत्र के पास लगे होने से दिन भर धुंआ फैलता रहता है. कोयला का उपयोग न कर लकड़ी, भूसा, प्लास्टिक सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

भट्टे लगाने के नियम

अगर किसी व्यक्ति को ईंट भट्टे का व्यापार करना है तो उसे मिट्टी उत्खनन के लिए लीज की स्वीकृति लेने के लिए पर्यावरण विभाग की एनओसी, वन विभाग की एनओसी, ग्राम पंचायत की मंजूरी, तहसील की एनओसी, निर्माण करने वाले लोगों का लायसेंस आदि तैयार कराना होता है, तब ही कही ईंट भट्टों का व्यापार कर सकते हैं.

किसी के नाम से अनुमति व्यापार कर रहा कोई और
ईंट भट्टों के कार्य कि अनुमति किसी के पास है और इसका कारोबार कोई और कर रहा है. कार्रवाई करने के लिए आला अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि जब कार्रवाई की जब बात आती है तो मौके पर ईंट भट्टा मालिक मुकर जाते हैं, जिससे इन पर कार्रवाई नहीं हो पाती. वहीं इस संबंध में जब जिला कलेक्टर उमाशंकर भार्गव से बात की गई तो उन्होंने राजस्व और खनिज विभाग की संयुक्त टीम गठित कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. अब देखना ये है कि इन अवैध इट भट्टों पर प्रशासन कितनी सख्त कार्रवाई करता है.

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