नीमच (Neemuch)।कोरोना के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) का खतरा अब नीमच में भी मंडराने लगा है. जिले के चार कोरोना पॉजिटिव मरीजों में डेल्टा वेरिएंट पाया गया है. चारों के सैंपल जांच (Sample Report) के लिए दिल्ली भेजे गए थे, जहां से इसकी पुष्टि हुई है. जिन 4 मरीजों में यह खतरनाक वेरिएंट पाया गया, उनमें से दो की मौत भी हो चुकी है. जिस वजह से स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में हड़कंप भी मचा हुआ है. हालांकि अभी तक इन दो मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं
जिला प्रशासन पर पहले कोरोना से मरने वालों के आंकड़े छुपाने का आरोप लगा था. अब प्रशासन पर डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मरीजों की पुष्टि नहीं करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. सीएमएचओ डॉक्टर महेश मालवीय ने जानकारी दी कि 4 मरीजों के सैंपल में डेल्टा वेरिएंट के लक्षण मिले हैं. हालांकि अभी तक इससे मौत की पुष्टि CMHO ने नहीं की है. दूसरी तरफ नीमच जिला अस्पताल के अधिकारियों ने भी चार लोगों में डेल्टा वेरिएंट पाए जाने की बात कही है, लेकिन इससे मरने वाले मरीजों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
तीसरी लहर में अस्पतालों में रह सकेंगे बच्चों के साथ माता-पिता, भोपाल में बोले विश्वास सारंग, डेल्टा प्लस को लेकर भी आज अहम बैठक
MP में अब तक 11 मामले
कोरोना के सबसे खतरनाक डेल्टा वेरिएंट के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र से सामने आए हैं. तमिलनाडु में भी इस नए वेरिएंट के कई केस देखने को मिले. बात करें मध्य प्रदेश की तो यहां अभी तक कुल 11 डेल्टा वेरिएंट के केस सामने आ चुके हैं. यह सभी केस राज्यों के अलग-अलग जिलों से सामने आए हैं.
डेल्टा प्लस वेरिएंट के प्रमुख लक्षण
- कम या बिल्कुल भूख नहीं लगना
- हाथ पैर में सूजन
- उल्टी जैसा महसूस होना
- सामान्य सर्दी-जुकाम
- निमोनिया
- सूखी खांसी
- बातचीत करने या बोलने में तकलीफ
बचाव के तरीके
वायरस के नए वेरियंट से बचने के लिए हमें लगातार वही सावधानियां बरतनी होंगी जो अभी तक बरतते हुए आ रहे हैं. सेनेटाइजर, मास्क, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करते रहना होगा.
वैक्सीन कम करती है खतरा
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दी जा रही वैक्सीन की एक खुराक किसी को भी डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने और संक्रमित मरीज का अस्पताल में इलाज कराने की संभावना को काफी हद तक लगभग 75 फीसदी तक घटा देती है. वहीं वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के संक्रमित होने और हॉस्पिटल में भर्ती होने की संभावना को 90 फीसदी तक कम कर देती है.