मुरैना। जिले की आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र में किसान मेले का आयोजन किया गया. जिसमें किसानों और युवाओं को कृषि से जोड़ने और उन्नत कृषि के तरीकों की जानकारी दी गई. इस एक दिवसीय मेले में 775 गांव के युवाओं को प्रशिक्षित किया गया.
किसानों को बताया गया कि किस तरह से मधुमक्खी पालन और उन्नत बीज उत्पादन कर खेती को लाभ का व्यवसाय बनाया जा सकता है. इस योजना के तहत युवाओं को एक महीने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी. इसकी परीक्षा भी होगी, जिसमें पास होने वाले किसानों को भारत सरकार की तरफ से प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा.
कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार जिले के युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें तैयार किया जाएगा. जिससे वह खुद ही मधुमक्खी पालन और उन्नत बीजों का उत्पादन करना सीखें. कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक एसपी सिंह ने बताया कि मधुमक्खी पालन केवल शहद ही नहीं देता, बल्कि यह परागण द्वारा उत्पादन क्षमता भी बढ़ाता है. उन्होंने कहा कि अगर धरती से मधुमक्खी हटा दिया जाए, तो चार साल के भीतर ही इसकी आबादी खत्म हो जाएगी, इसलिए मधुमक्खी पालन बेहद जरूरी है. मधुमक्खी उत्पादन क्षमता बढ़ाती है.
किसान मेले में किसानों को रबी फसलों के उत्पादन, रबी फसलों के रोग, प्रबंधन, मशरूम उत्पादन और पशुपालन सहित कई जानकारी दी गई. वहीं किसानों के लिए कई स्टॉल भी लगाए गए. मेले में राजस्थान के भरतपुर से कृषि वैज्ञानिक वीवी सिंह सहित कई वैज्ञानिक और अधिकारी मौजूद रहे.