मुरैना। जिला अस्पताल में डॉक्टर मरीजों के इलाज के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं. इसका ताजा मामला शहर की मयूर कॉलोनी में रहने वाली मनीषा तोमर महिला का है. जिसकी बच्चेदानी में गठान होने पर पीड़िता की बेटी ने ऑपरेशन कराने के लिए आशा कार्यकर्ता ममता शर्मा से फोन पर बात की तो उसने स्पष्ट कह दिया कि ऑपरेशन के लिए 12 हजार लगेंगे, तुम गरीब हो तो 10 हजार रुपए दे देना. पैसे मांगने का ऑडियो भी वायरल हो रहा है, जब इसकी शिकायत की तो महिला का ऑपरेशन तो कर दिया, लेकिन गलत तरीके से किया. जिससे उसकी ब्लीडिंग बंद नहीं हो रही है. पीड़िता की बेटी शिवानी कुशवाहा ने जिला अस्पताल सिविल सर्जन,कलेक्टर से लेकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की है. वहीं सिविल सर्जन का कहना है कि मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है और ना ही कोई ऑडियो की शिकायत आई है.
जिला अस्पताल में मांगी रिश्वत ऑपरेशन के मांगे 12 हजार
मयूर वन कॉलोनी में रहने वाली मनीषा तोमर की बेटी शिवानी कुशवाहा ने बताया कि मेरी मां की बच्चेदानी में गठान थी. उसके ऑपरेशन के लिए 12 फरवरी को जिला अस्पताल लेकर गई. जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए 12 हजार की डिमांड रखी. क्योंकि हमारी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि हम पैसे दे सकें. मैंने आशा कार्यकर्ता ममता शर्मा और सुधा से बात की तो उन्होंने भी पैसे देने की बात कही. पीड़िता की बेटी शिवानी ने डॉक्टर निष्ठा सिंहल और डॉक्टर नेहा त्रिपाठी द्वारा पैसे मांगने का आरोप लगाया है.
जब शिवानी ने आशा कार्यकर्ता ममता शर्मा से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि निष्ठा सिंहल 10 हजार से कम में नहीं मानेगी, क्योंकि उन्होंने पहले भी एक ऑपरेशन किया था, उससे भी 10 हजार लिए थे. पैसे मांगने की बातचीत का पूरा ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पीड़िता की बेटी शिवानी ने इसकी शिकायत सिविल सर्जन, कलेक्टर और सीएम हेल्पलाइन पर की है.
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अस्पताल स्टॉफ की लापरवाही के कारण 6 यूनिट ब्लड चढ़ चुका
शिवानी कुशवाहा अपनी बीमार मां का इलाज कराने के लिए पूर्व विधायक रघुराज कंषाना के पास गई तो उन्होंने सिविल सर्जन को फोन किया. डॉक्टर नेहा त्रिपाठी ने ऑपरेशन तो कर दिया लेकिन ये कहकर किया कि बच्चेदानी आंतों से चिपकी है. पेट चीर दिया. टांके लगाकर 17 फरवरी को अस्पताल से बेइज्जत करके भगा दिया. शिवानी ने कहा कि आज मेरी मां की स्थिति बहुत खराब है. ब्लीडिंग बंद नहीं हो रही है, जिला अस्पताल स्टॉफ की लापरवाही के कारण अभी तक मां को 6 यूनिट ब्लड चढ़वा चुकी हूं.
सिविल सर्जन बोले मेरी जानकारी में नहीं है
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एसके गुप्ता से इस मामले पर चर्चा की तो उनका कहना है कि पैसे मांगने की कोई भी शिकायत नहीं आई है और ना ही कोई ऑडियो वाली बात मेरी सज्ञान में है. सिविल सर्जन के अनुसार जो आशा कार्यकर्ता पैसे मांग रही है तो पीड़िता पुलिस थाने में जाकर उसके खिलाफ एफआईआर कराने की बात कह रहे हैं. इससे तो साफ नजर आ रहा है कि जिला अस्पताल प्रबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ता.
एसडीएम ने की जांच
जिला अस्पताल में कलेक्टर के निर्देश पर हर शनिवार को एसडीएम आरएस बाकना निरीक्षण करने अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन उसके बाद भी सुधार में कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है,पैसे मांगने के मामले पूर्व में भी आते रहे हैं. लेकिन हर बार शिकायतों की जांच होती है, कोई कार्रवाई नहीं होती. जब ये शिकायत कलेक्टर तक पहुंची तो उन्होंने जांच के लिए एसडीएम आरएस बाकना को जिला अस्पताल पहुंचाया. जहां शिकायतकर्ता शिवानी कुशवाह से एसडीएम ने पूरे मामले को सुना. मीडिया द्वारा पूछने पर एसडीएम ने कहा कि हमारा काम जांच करना है, कार्रवाई करने का काम तो कलेक्टर के हाथ में है. अब देखना ये होगा कि जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद कलेक्टर क्या कार्रवाई करते है.
सोनोग्राफी के एवज में प्रसूता से 200 रुपए लेते आशा कार्यकर्ता को पकड़ा
मुरैना जिला अस्पताल में शुक्रवार को सोनोग्राफी जांच कराने आई तुस्सीपुरा माहौर चौराहा निवासी परवीन बेगम प्रसूता महिला से वसूली करते हुए एक फर्जी आशा कार्यकर्ता को रंगे हाथ आरएमओ डॉ. धर्मेन्द्र गुप्ता ने पकड़ लिया. ये फर्जी आशा कार्यकर्ता प्रसूता महिला की तत्काल सोनोग्राफी कराने के एवज में 200 रुपए ले चुकी थी. पकड़ में आते ही महिला ने 200 रुपए परवीन बेगम की लौटा दिए, इसके बाद महिला को पुलिस चौकी के सुपुर्द कर दिया. जहां उसने खुद का नाम महादेवी जाटव बताते हुए कहा की उस जैसी 70 से 80 आशा कार्यकर्ता,वार्ड बॉय और एएनएम नर्स है जो ये काम कर रही है.