खंडवा। खंडवा मेडिकल कॉलेज बनाने का टेंडर अगस्त 2015 में गैनन डंकरली एंड कंपनी लिमिटेड मुंबई (जीडीसीएल) को दिया गया था. इसकी कुल लागत 158 करोड़ रुपए है. कंपनी को 24 महीने के भीतर काम पूरा करके बिल्डिंग सरकार को हैंडओवर करनी थी. इसमें देरी हुई तो बारी-बारी से पीआईयू के तीन डिवीजनल इंजीनियरों ने कंपनी पर 12 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई थी.
मेडिकल कॉलेज बनाने वाली कंपनी पर लगाया गया जुर्माना वापस देगा पीआईयू विभाग
खंडवा मेडिकल कॉलेज निर्माण करने वाली कंपनी पर लगे 12 करोड़ जुर्माने को विभाग ने अपनी गलती बता कर वापस देने का निर्णय कर लिया. लेकिन पीआईयू विभाग ने जुर्माने को वापस लेने का निर्णय लिया है.
खंडवा मेडिकल कॉलेज निर्माण करने वाली कंपनी पर लगे 12 करोड़ जुर्माने को विभाग ने अपनी गलती बताकर वापस देने का निर्णय किआ है. पीआईयू विभाग का तर्क है कि बिल्डिंग की लिफ्ट पिट की डिजाइन, अस्पताल के एक ब्लॉक को ध्वस्त करने, केंटिन टेंपर की शिफ्टिंग, कॉलेज बिल्डिंग में अतिरिक्त कार्य जोड़ने के कारण जैसे कामों की वजह से निर्माण कार्य में देरी हुई. इसलिए पीआईयू विभाग ने ठेकेदार के आवेदन पर जुर्माने को वापस किये जाने की अनुशंसा की जिसे वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्णय लेकर पारित कर दिया. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ कि शासन स्तर पर किस जिम्मेदार की लापरवाही से निर्माण में देरी हुई. वहीं कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल ने मेडकिल कॉलेज निर्माण में देरी की बात मानते हुए जांच कराने की बात कही हैं.
आप को बता दें खंडवा मेडिकल कॉलेज का निर्माण दो वर्षो में होना था. लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी अभी तक मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. मिली जानकारी के अनुसार निर्माण कंपनी ने अभी और समय मांगा हैं.