खंडवा।13 फरवरी को 8 साल की मिट्ठू को जिला अस्पताल में भीख मांगने की शंका के चलते चाइल्ड लाइन के सदस्य उसे अपने साथ ले गए और वन स्टॉप सेंटर छोड़ दिया. वहीं मिट्ठू के माता पिता को जब ये बात पता चली तो उन्होंने मिट्ठू को ले जाने की कोशिश की, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी चाइल्ड लाइन के द्वारा उन्हें मिलने नहीं दिया गया. वहीं आखिरकार अब 3 सदस्यीय बाल कल्याण समिति ने गांव के सरपंच की मौजूदगी में मिट्ठू की काउंसलिंग कर उसे माता-पिता के हवाले कर दिया है.
मां-बाप को मिल गई उनकी मिट्ठू मामला 13 फरवरी को जिला अस्पताल का है, जब मिट्ठू जिला अस्पताल परिसर के सांई मंदिर में चाइल्ड लाइन सदस्यों को मिली. जिसके बाद उन्होंने बच्ची को भीख मांगते की शंका के चलते वन स्टॉप सेंटर छोड़ दिया. मिट्ठू के माता-पिता ने 3 दिनों तक तमाम कोशिशें कीं, जिससे उन्हें अपनी मिट्ठू मिल जाए. लेकिन चाइल्ड लाइन द्वारा उनकी एक नहीं सुनी गई.
मिट्ठू के माता-पिता कालीबाई बंजारा समाज से हैं, जो यहां-वहां घूमकर अपनी जिंदगी गुजारते हैं. ऐसे में उनके पास आधार कार्ड और राशन कार्ड नहीं होने से बच्ची का कोई प्रमाण नहीं था. कालीबाई ने हाल ही में दूसरी शादी राधेश्याम से की है, पहली शादी से कालीबाई को मिट्ठू नाम की 8 साल की बच्ची है, जिसका वे पालन पोषण कर रहे हैं.
माता-पिता के पास वापस आकर खुश मिट्ठू समाजसेवी सुनील जैन ने मिट्ठू के माता पिता की मदद की. बुधवार को मिट्ठू के माता पिता गांव के सरपंच को साथ लेकर आए. वहीं बाल कल्याण समिति के 3 सदस्यीय जजों ने बच्ची की काउंसलिंग कर उसे माता पिता को इस शर्त के साथ सौंप दिया कि आगे बच्ची किसी ऐसे कृत्य करते ना पाए जाए.
मिट्ठू अपने माता पिता से मिलकर फिर से उसी तरह खुश हो गई, जैसे पहले थी. वहीं मां कालीबाई ने कहा वे इलाज कराने अस्पताल आए थे, बच्ची मंदिर में खिचड़ी खाने चली गई और चाइल्ड लाइन के सदस्य उसे लेकर चले गए वो भीख नही मांग रही थी.