जबलपुर। देश में लगातार पढ़ाई के दौरान हो रही स्कूली बच्चों की मौत को लेकर केंद्र सरकार गंभीर हो गई है. हाल ही में लोकसभा में उठे प्रश्न के बाद केंद्र सरकार ने देश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वो तमाम प्राइवेट और सरकारी स्कूलों से ये जानकारी पता करें कि पढ़ाई के दौरान कितने छात्रों की मौत हुई है और मौत होने की वजह क्या है.
स्कूली बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार गंभीर, सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट तलब
स्कूली बच्चों की मौत को लेकर केंद्र सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर इन मौतों के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए कहा है.
शिवसेना के एक सांसद ने लोकसभा में प्रश्न उठाया था कि आखिरकार क्यों पढ़ाई के दौरान स्कूल में बच्चों की मौत हो रही है. सांसद के इस प्रश्न के बाद केंद्र सरकार ने सभी स्कूलों से रिपोर्ट मांगी है. जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने जिले के तमाम प्राइवेट और शासकीय स्कूलों के प्राचार्य को पत्र भेजकर अविलंब जानकारी जमा करने को कहा है. जानकारी नहीं भेजने वाले प्रचार्य पर जिला शिक्षा विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा. जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में कहा गया है कि अनेक राज्यों और जिले में स्कूली छात्रों की मौत रहस्य बना हुआ है. स्कूल में विद्यार्थियों की मौत का सही कारण पर अब तक नहीं बताया गया है.
केंद्र सरकार ने जिन जिलों में छात्रों की मौत अध्ययन के दौरान हुई है उनका पूरा डाटा और जांच रिपोर्ट भी मांगी है. जानकारी में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 3 साल और वर्तमान वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों की मौत कैसे हुई है ये मांगा गया है. साथ ही ये भी पूछा गया है कि क्या स्कूल में प्रताड़ना, बच्चे की मौत का मुख्य कारण है. यदि किसी बच्चे की मौत प्रताड़ना के कारण हुई है तो उस मौत के प्रकरण में शासन एक टीम गठित कर जांच कराएं और जांच के बाद जो भी संबंधित दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.