इंदौर।इंदौर क्राइम ब्रांच ने एमडी ड्रग्स के साथ पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनमें दो आरोपी तेलंगाना और तीन आरोपी इंदौर के रहने वाले बताये जा रहे हैं. पकड़े गए पांचों आरोपियों को इंदौर क्राइम ब्रांच ने इंदौर की जिला कोर्ट में पेश किया. जहां दोनों पक्षों को सुनने के बाद इंदौर की जिला कोर्ट ने पांचों आरोपियों को पांच दिन की रिमांड पर इंदौर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है.
जल्द गैंग के नेटवर्क का खुलासा करेगी पुलिस
पुलिस आरोपियों से उनकी संपत्ति के साथ ही उनके नेटवर्क के बारे में पूछताछ करेगी. यह भी बताया जा रहा है कि आरोपियों के बारे में इंदौर के पंढरीनाथ थाना क्षेत्र में रहने वाले एक तस्कर ने जानकारी दी थी. उसके बाद इंदौर क्राइम ब्रांच ने हैदराबाद के वेद प्रकाश व्यास और उसके अन्य साथियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है. फिलहाल पूरे ही मामले में पुलिस लगातार पूछताछ में और जांच पड़ताल में जुटी हुई है. जल्द ही इस मामले में कई और आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सकता है.
70 किलो ड्रग्स के साथ पकड़े गए थे आरोपी
इंदौर पुलिस ने 70 किलो ड्रग्स व 13 लाख रुपए नगद के साथ पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पूरे मामले में पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है. पुलिस पांचों आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ करेगी और पूछताछ के दौरान जो भी जानकारी मिलेगी उस पर आगे की कार्रवाई होगी.
ड्रग्स तस्कर ने दी थी गिरोह की जानकारी
इस पूरे मामले में पुलिस को सफलता एक तस्कर के माध्यम से हाथ लगी है. पिछले दिनों पंढरीनाथ थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया था. जब पुलिस उससे पूछताछ कर रही थी तो उसने वेद प्रकाश व्यास के बारे में जानकारी दी थी. यह भी बताया था कि वेद प्रकाश व्यास ने लॉकडाउन के समय भी तकरीबन 20 किलो एमडी ड्रग्स उसको दी थी. उसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है.
कोड वर्ड में करते थे आरोपी बात
पुलिस पकड़ गए आरोपियों की तकरीबन साल भर के कॉल डिटेल को भी खंगाल रही है. इसी दौरान पुलिस को कई अहम जानकारियां भी हाथ लगी है. यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि आरोपी खुद भी यदि मोबाइल फोन के माध्यम से बात करते थे तो कोड वर्ड के माध्यम से बात करते थे. उनके तस्करों को भी एक विशेष कोडवर्ड दिया हुआ था. उसी कोड वर्ड के माध्यम से वह माल की खपत के बारे में जानकारी देते थे. जैसे ही तस्कर के द्वारा उनके पास एमडी ड्रग्स की डिमांड पहुंचती थी तो एक विशेष कोड वर्ड के माध्यम से उसे एमडी ड्रग्स उपलब्ध करवा दी जाती थी. इस तरह से इस पूरे गिरोह ने मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में नेटवर्क स्थापित किया हुआ था.
संपत्ति खरीदने की भी जानकारी आई सामने
आरोपी अपनी काली कमाई से लगातार शहर के विभिन्न क्षेत्रों में संपत्ति खरीद रहे थे. मात्र 2 सालों में आरोपियों के द्वारा विजयनगर व अन्य क्षेत्रों में काफी संपत्ति खरीद ली गई. इस बात की जानकारी पुलिस को सूत्रों के हवाले से लगी है. इसीलिए पुलिस आरोपियों की संपत्ति के बारे में जानकारी जुटा रही है. अगर पुलिस को पुख्ता जानकारी संपत्ति के बारे में हाथ लग गई तो निश्चित तौर पर आरोपियों की संपत्ति पर अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई के साथ ही उन्हें राजसात करने की कार्रवाई भी की जा सकती है.
आंटी गैंग और वेद प्रकाश गैंग का कनेक्शन !
पुलिस ने पूर्व में विजयनगर क्षेत्र में आंटी गैंग को भी गिरफ्तार किया था. उस दौरान भी कई हाईप्रोफाइल तस्करों के बारे में पुलिस को जानकारी लगी थी. पुलिस अब इस मामले में आंटी गैंग और वेद प्रकाश व्यास के बीच के लिंक की जांच में जुटी हुई है. क्योंकि इस तरह से दोनों ही गैंग के द्वारा इंदौर शहर में ड्रग्स तस्करी का काम किया जाता था. वह एक जैसा ही था. दोनों का ही काम हाई प्रोफाइल युवक और युवतियों को निशाना बनाकर उन्हें ड्रग्स तस्कर बनाकर उनसे सप्लाई करवाना होता था. पुलिस लगातार पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है. वहीं आने वाले दिनों में आंटी को भी पूछताछ के लिए एक बार फिर पुलिस जेल से बाहर ला सकती है.
कैसे तैयार हुआ ड्रग्स का नेटवर्क ?
शहर में ड्रग्स तस्करों को खड़ा करने के लिए आंटी गैंग व सागर गैग ने एक योजना के तहत पूरा नेटवर्क खड़ा किया. इसके तहत बाहर से कॉल गर्ल को बुलाया गया. उन कार्ल गर्ल के माध्यम से इंदौर शहर के कुछ युवकों को निशाना बनाकर पहले उन्हें ड्रग्स की लत लगाई गई. फिर उन्हें तस्कर बना दिया गया. इस तरह से पूरे इंदौर शहर में कई युवकों को निशाना बनाया गया.
आरोपियों के अकाउंट हुए फ्रीज
ड्रग्स तस्करी में पकड़े गए सभी आरोपियों के बैंक अकाउंट को इंदौर एडीजी ने फ्रीज करवा दिया है. पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए विभिन्न तरह से जांच पड़ताल भी की जा रही है. दोनों ही गैंग का मंदसौर कनेक्शन सामने आया है. जल्द ही एक पुलिस टीम मंदसौर के लिए रवाना की जाएगी. वहां पर जाकर पूरे मामले में जांच पड़ताल करेगी.
एडीजी को तस्करों की पुख्ता जानकारी
पुलिस एक के बाद एक ड्रग्स तस्करों पर कार्रवाई कर रही है. इसके पीछे इंदौर एडीजी योगेश देशमुख का एक बड़ा हाथ है. बता दे एडीजी योगेश देशमुख लंबे समय तक नारकोटिक्स विभाग में काम कर चुके हैं. जिसके कारण उन्हें मध्यप्रदेश में फैले ड्रग तस्करों की पुख्ता जानकारी है. किस तरह से यह पूरा रैकेट काम करता है इसकी भी जानकारी उनके मुखबिर तंत्र के माध्यम से उनके पास आती रहती है. यही कारण है कि इंदौर एडीजी खुद इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.