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पेट्रोल चोरी पर पेट्रोलियम कंपनियों का दावा: अपडेट मशीनों से छेड़छाड़ संभव नहीं

पेट्रोल पंप धोखाधड़ी करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन ठग कोई न कोई तरीका ढूंढ़ ही लेते हैं. अब पेट्रोल पंप पर लगी मशीनों में चिप लगाकर पेट्रोल चोरी करने का आरोप लगा है, पेट्रोल पंप संचालक ही पेट्रोल की चोरी करते पकड़े जा रहे हैं. हालांकि पेट्रोलियम कंपनियों का दावा है कि मशीनों को अपडेट कर दिया गया है जिसके बाद किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है.

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पेट्रोलियम कंपनियों का दावा पेट्रोल मशीनों को किया गया अपडेट

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Published : Sep 27, 2020, 4:49 PM IST

इंदौर।राजधानी भोपाल में कुछ सालों पहले पेट्रोल पंप पर लगी मशीनों में चिप लगाकर पेट्रोल चोरी करने की घटनाएं सामने आई थी. जिसके बाद अब इंदौर में नापतोल विभाग और पेट्रोलियम कंपनियां पेट्रोल पंपो पर विशेष नजर बनाए हुए हैं, हालांकि जिस तरह से पेट्रोलियम कंपनियां मशीनों को अपडेट कर रही है वैसे ही घोटाला करने वाले तरह-तरह की टेक्नोलॉजी का उपयोग करने में लगे हुए हैं. वहीं अधिकारियों ने दावा किया है कि अब मशीनों में किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है.

पेट्रोलियम कंपनियों का दावा, पेट्रोल मशीनों को किया गया अपडेट

दरअसल, इंदौर शहर में कुछ पेट्रोल पंप पर मीटर सेट करने के बावजूद डिवाइस लगाकर पेट्रोल चोरी करने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं. हालांकि नापतोल विभाग ने इन सभी शिकायतों को सिरे से नकारता नजर आ रहा है, वहीं कुछ पेट्रोल पंप मालिक नोजल बटन में कारस्तानी करके पेट्रोल चोरी कर रहे हैं. पेट्रोल पंप संचालकों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो सके, इसके लिए लगातार गड़बड़िया की जा रही है. पेट्रोल चोरी की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए पिछले कुछ सालों में पेट्रोल कंपनियों ने मशीनों को अपडेट किया है, ताकि होने वाली गड़बड़ियों को रोका जा सके.

मशीनों में चिप लगाकर गड़बड़ी की शिकायतें आई थी सामने

भोपाल के दो पेट्रोल पंप पर चिप लगाकर चोरी करने की शिकायतें सामने आई थी, जिसका खुलासा भी हुआ था. वहीं पेट्रोलियम कंपनियों ने पंप पर मौजूद मशीनों को अपडेट किया था, ताकि किसी प्रकार से पेट्रोल पंप मालिक पेट्रोल चोरी की वारदात को अंजाम न दे सकें. वहीं कुछ समय पहले पेट्रोलियम कारोबार से जुड़े लोगों ने यह भी बताया था कि विदेशों में तैयार सॉफ्टवेयर से पेट्रोल पंप में चिप लगाकर पेट्रोल और डीजल की चोरी की जा सकती है. हालांकि नापतोल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब मशीनों को पूरी तरह से सील कर दिया जाता है, और यदि अगर कोई मशीन में गड़बड़ी करने की कोशिश करता है, तो उसकी जानकारी तत्काल अधिकारियों को लग जाती है.

गड़बड़ी करने पर लाइसेंस होगा रद्द, सख्त सजा का भी प्रावधान

बता दें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून 2019 के तहत मिलावट करने और नकली उत्पाद बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है. यदि किसी पेट्रोल पंप पर गड़बड़ी करने की बात सामने आती है तो उपभोक्ता कानून में सक्षम न्यायालय की तरफ से पेट्रोल पंप का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाता है. जानकारी के मुताबिक पहली बार शिकायत होने पर पेट्रोल पंप का लाइसेंस दो साल के लिए सस्पेंड होता है और यदि दूसरी बार उसी पंप की शिकायत आती है, तो हमेशा के लिए लाइसेंस को रद्द कर दिया जाता है. बावाजूद इसके पेट्रोल पंप संचालक बाज नहीं आ रहे हैं और लगातार चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं.

शिकायत मिलने पर होती है जांच-नापतोल विभाग

लगातार हो रही चोरी का सबसे बड़ा कारण है. नापतोल विभाग में स्टाफ की कमी होना, जिसके कारण पेट्रोल पंप संचालकों के मन में नापतोल विभाग का डर कम होता जा रहा है. हालांकि नापतोल विभाग में इस तरह की शिकायतें पहुंचती है तो उसकी जांच करने के लिए अधिकारी पेट्रोलियम कंपनियों के एक्सपर्ट को साथ में लेकर जाते हैं, लेकिन अधिकारियों का साफ मानना है कि पेट्रोल पंप पर लगाई गई नई मशीनों में किसी भी प्रकार से गड़बड़ी नहीं की जा सकती है.

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