इंदौर। प्रदेश में कोरोना का हॉटस्पॉट बने इस शहर में मरीजों के अलावा डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ की जान से खिलवाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने एमवाय अस्पताल समेत जिले के तमाम डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जो मास्क उपलब्ध कराए हैं, वो नकली पाए गए हैं. इस चौकाने वाले मामले के उजागर होते ही पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है.
एमवाय अस्पताल में 'मास्क घोटाला' एमवॉय अस्पताल के डॉक्टर्स ने जब N-95 मास्क में स्पंज भरा पाया, तो संक्रमण की आशंका से उन्होंने मास्क का इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया. इसके बाद मामला एमजीएम मेडिकल कॉलेज और एमवॉय अस्पताल प्रबंधन तक पहुंचा.
मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद मास्क की बारीकी से जांच की गई, तो प्रथम दृष्टया गड़बड़ी पाई. इसके बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के स्टोर प्रभारी डॉ माधव हासानी को पद से हटा दिया है. साथ ही मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इधर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश में डॉ माधव हासानी के स्थान पर नीरज राजगीर को स्टोर प्रभारी नियुक्त किया है.
एमवॉय अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और लैब कर्मचारी संक्रमित
एमजीएम मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं. इस लैब के कर्मचारी और डॉक्टर समेत तमाम मेडिकल स्टाफ इन्हीं मास्क का इस्तेमाल कर रहा था. अस्पताल में संक्रमण के चलते 2 नर्सों की भी मौत हो गई है. जबकि एक डॉक्टर संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं.
अपर सीएमएचओ पद से हटाए गए थे हासानी
डॉक्टर माधव हासानी ने पिछले दिनों जिले के ऐसे तमाम डॉक्टर्स को अनुपस्थित दर्शा दिया था, जिनकी ड्यूटी लगी थी. जबकि इनमें ज्यादतर डॉक्टर ड्यूटी करते पाए गए. जब ये गड़बड़ी कलेक्टर मनीष सिंह के सामने आई, तो उन्होंने भ्रामक जानकारी देने और डॉक्टरों को अकारण ही प्रताड़ित करने और दंडित करने का दोषी मानते हुए डॉ माधव हासानी को अपर सीएमएचओ पद से हटा दिया था.