होशंगाबाद। भले ही गाय को माता मानकर पूजा जाता है, लेकिन अब गाय की हालत ऐसी हो गई है कि सड़कों पर उनकी मौत हो जाती है, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. जिस पूज्यनीय गाय को मां का दर्जा दिया गया है, वो आज समाज के लिए एक समस्या बन गई है. आधुनिकता की ओर बढ़ते कदम ने जहां ग्रामीणों की शैली में बदलाव ला दिया है, वहीं खेती-किसानी में भी परंपरागत संसाधन दूर हो गए हैं. यही वजह है कि अब गाय घर के खूटों में बंधी रहने की बजाय गलियों में घूमती नजर आती है. हालांकि, पिछली सरकार ने हर जिले में गौशाला बनाने के निर्देश दिए थे और बड़ी संख्या में गौशाला भी लगभग बनकर तैयार हो गई है, लेकिन सरकार बदलते ही सबकुछ बदल गया है.
जिले में 14 गौशाला बनाने का लक्ष्य डेढ़ साल पहले रखा गया था, जिसमें से 10 गौशाला जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में तैयार हो चली है, जबकि चार गौशालाओं में भी अंतिम चरण का काम चल रहा है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा. इन गौशालाओं पर प्रशासन के आदेश नहीं होने के चलते ताला लगा है. ग्राम पंचायत की समितियों द्वारा इन गौशालाओं का संचालन किया जाना है, जिसमें प्रत्येक गौशाला में 100 गायों को रखने की व्यवस्था की गई है. लेकिन ये गौशाला प्रशासन के आदेश के अभाव में खाली पड़ी है. वहीं सड़कों पर बड़ी संख्या में मवेशी विचरण कर रहे हैं, जिसके चलते दुर्घटनाओं का दौर जारी है. इस वजह से गोवंश सहित आम लोग भी चपेट में आ रहे हैं और लगातार गायों की मौत के साथ ही लोगों की भी मौत हो रही है.
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