ग्वालियर।मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार लापरवाही सामने आ रही हैं. जहां अब ग्वालियर के अपोलो हॉस्पिटल में मरीज को नकली प्लाज्मा लगा दिया गया. जिससे मरीज की तबीयत और बिगड़ गई. मरीज बेहोश होकर वेंटिलेटर पर पहुंच गया और उसकी मौत हो गई.
वहीं परिजनों के शक के आधार पर पुलिस मामले में लिप्त लोगों को पकड़कर पूछताछ कर रही है. इसके साथ ही पुलिस ने एक विशेष टीम भी गठित की है. जिसमें एफएसएल, डॉक्टर और पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है. वहीं शहर में यह प्लाज्मा का पहला ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें अपोलो हॉस्पिटल से जुड़े कई शहर के नामी हॉस्पिटलों का नाम शामिल होने की संभावना है. इसके साथ ही आशंका है कि शहर में इस तरह के कई प्राइवेट हॉस्पिटल में ऐसे कई जगह काम चल रहे हैं. वहीं पुलिस ने इस तरह के काम करने वालों का एक बड़े रैकेट होने की बात कही है.
यह है पूरा मामला
ग्वालियर में बुधवार शाम दतिया निवासी एक शख्स को कोरोना संक्रमित होने के चलते अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जहां हॉस्पिटल द्वारा मरीज के लिए प्लाज्मा की मांग की गई. मरीज के परिजनों को हॉस्पिटल के कर्मचारी ने बताया कि वह हॉस्पिटल के कर्मचारी जगदीश से मिले, वह उनकी सारी व्यवस्था करा देगा. जब मरीज के परिजन उस कर्मचारी से मिले तो उसके द्वारा बताया कि वह सरकारी हॉस्पिटल में पदस्थ है. कर्मचारियों द्वारा मरीज के परिजनों से कहा कि वह उनको प्लाज्मा उपलब्ध करा देगा और उसका खर्चा 18 हजार रुपए का आएगा तो मरीज के परिजनों ने उस कर्मचारी को 18 हजार रुपए दे दिए. कर्मचारी ने मरीज के परिजनों से कहा कि 2 घंटे बाद उनको प्लाज्मा उपलब्ध करा दें.
जब कर्मचारी हॉस्पिटल में प्लाज्मा लेकर पहुंचा तो हॉस्पिटल में डॉक्टर ने बिना जांच किए प्लाज्मा मरीज को देना शुरू कर दिया. प्लाज्मा लगने के बाद मनीष गुप्ता का स्वास्थ्य खराब होना शुरू हो गया, जिसके बाद मरीज मनीष गुप्ता वेंटिलेटर पर ले जाया गया. जहां उनकी मौत हो गई.
जिसके बाद परिजनों ने सरकारी हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में जाकर उपलब्ध करा प्लाज्मा की जानकारी ली तो पता चला कि प्लाज्मा ब्लड बैंक से नहीं लिया गया है और जो भी पीले रंग का क्रॉस मैचिंग रिपोर्ट कार्ड उनके पास था वह फर्जी होना बताया. इसके बाद परिजनों ने थाने पहुंचकर हंगामा किया. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.