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सिस्टम की त्रासदी! दशकों से बंद है रोजाना 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने वाला प्लांट

ग्वालियर में एमपी आयरन में मौजूद ऑक्सीजन प्लांट 1998 से बंद पड़ा हुआ है. यह प्लांट 1998 में रोजाना 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन करता था. प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन यदि इस प्लांट को ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए दोबारा शुरू करती है तो यह प्लांट प्रदेश के लिए संजीवनी बन सकता है. इस प्लांट से ग्वालियर के साथ ही प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है.

Oxygen plant can become 'Sanjeevani' for the state
ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश के लिए बन सकता है 'संजीवनी'

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Published : Apr 22, 2021, 1:52 PM IST

Updated : Apr 22, 2021, 4:22 PM IST

ग्वालियर। इस समय कोरोना संक्रमण की महामारी के दौर में प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरा देश ऑक्सीजन की भारी किल्लत से जूझ रहा है. प्रदेश के कई जिलों में समय पर ऑक्सीजन न मिलने से मरीज अपनी जान भी गवां रहे हैं. यही हाल ग्वालियर चंबल अंचल के जिलों में भी है. जब ईटीवी भारत की टीम को यह जानकारी लगी कि अंचल के सबसे बड़े उद्योग क्षेत्र मालनपुर इंडस्ट्रीज में एक ऐसा बड़ा ऑक्सीजन का प्लांट है जो सालों से बंद पड़ा हुआ है, उसके बाद ईटीवी भारत में उसकी पड़ताल करने मौके पर पहुंचे तो उम्मीद की एक नई किरण जागी.

ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश के लिए बन सकता है 'संजीवनी'

यह ऑक्सीजन प्लांट एशिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी एमपी आयरन में मौजूद है और 1998 से बंद पड़ा हुआ है. यदि सरकार और स्थानीय प्रशासन इस ऑक्सीजन प्लांट को रीस्टार्ट करने की दिशा में काम करता है, तो आने वाले समय में ग्वालियर चंबल संभाग के लोगों के लिए यह संजीवनी का काम कर सकता है.

बंद पड़ा ऑक्सीजन प्लांट
  • एमपी आयरन प्लांट में स्थित है यह ऑक्सीजन प्लांट

ग्वालियर का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में एशिया की सबसे बड़ी एमपी आयरन फैक्ट्री मौजूद है, जो कि 1998 के बाद से बंद पड़ी है. इसी फैक्ट्री में स्थित है एक ऑक्सीजन प्लांट, यह प्लांट 1998 से ही बंद पड़ा हुआ है. उस समय प्लांट फैक्ट्री को रोज 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई करता था. जब एमपी आयरन फैक्ट्री बंद हो गई, उसके बाद यह ऑक्सीजन का प्लांट भी बंद हो गया. यह ऑक्सीजन प्लांट अभी भी लगभग सुरक्षित रखा है. इस प्लांट को सरकार फिर से संचालित कर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को काफी हद तक कम कर सकती है.

बंद पड़ा ऑक्सीजन प्लांट

करोड़ों की लागत से बनने वाले ऑक्सीजन प्लांट का कार्य हुआ आरंभ

  • प्रतिदिन 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने की क्षमता

बताया जा रहा है जब एमपी आयरन फैक्ट्री संचालित होती थी, तब यह ऑक्सीजन प्लांट रोज 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देता था. अगर सरकार और जिला प्रशासन इस ऑक्सीजन प्लांट को फिर से स्टार्ट करती हैं, तो यह ग्वालियर चंबल अंचल के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऑक्सीजन सप्लाई का बड़ा माध्यम हो सकता है. इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो रही है.

बंद पड़ा ऑक्सीजन प्लांट
  • उम्मीद की नई किरण साबित हो सकता है प्लांट

ईटीवी भारत की पड़ताल में जब हम इस ऑक्सीजन प्लांट पर पहुंचे तो एक नई उम्मीद की किरण नजर आई. क्योंकि जो ऑक्सीजन प्लांट 1998 में 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकता है, वह वर्तमान समय में कितना फायदेमंद हो सकता है.

Last Updated : Apr 22, 2021, 4:22 PM IST

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