छिंदवाड़ा। चुनावी साल में यूं तो मुद्दे हर बार बदलते रहते हैं, लेकिन महिला सुरक्षा का मुद्दा हर बार चर्चा में होता है. NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कई सालों से महिला अपराध में मध्य प्रदेश नंबर एक पर है. महिला अपराधों को कम करने और महिला-बच्चियों की सुरक्षा को लेकर हर दल और उसके नेता दावे तो बहुत करते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है. महिला अपराधों के मामले में छिंदवाड़ा में पिछले कुछ सालों में कमी तो आई है, लेकिन जो आंकड़े हैं वे बेहद चिंताजनक हैं.
मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले में महिला अपराधों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो पिछले 2 सालों में 2019 में महिला अपराधों में कमी आई है, लेकिन जो आंकड़े पुलिस ने जारी किए हैं उस हिसाब से हालात अब भी चिंताजनक हैं.
2017, 2018 और 2019 के आंकड़ों में महिला अपराधों में अगर देखा जाए तो 2017 में 880 मामले 2018 में 543 तो वहीं 2019 में 357 मामले दर्ज किए गए, आंकड़ों की नजर से देखा जाए तो अपराधों में कमी तो कही जा सकती है, लेकिन 357 का आंकड़ा भी महिला अपराधों के लिए चिंता से कम नहीं है.
महिला अपराध में छिंदवाड़ा के आंकड़े
2017- 234 बलात्कार, 369 शीलभंग, 190 दहेज प्रताड़ना, 21 महिलाओं की हत्या, 17 हत्या के प्रयास और 28 हत्या के दुष्प्रेरण के केस दर्ज हुए.