भोपाल। महात्मा गांधी के 150वें वर्ष के उपलक्ष में आयोजित नाटक में 'गांधी के सपने' की प्रस्तुति भोपाल के संग्रहालय सभागार में आयोजित की गई. नाट्य प्रस्तुति में गांधी जी के भजन 'रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम', 'वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाने रे' दी गई.
महात्मा गांधी के विचारों पर केंद्रित नाटक 'गांधी के सपने' की प्रस्तुति
भोपाल के मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में महात्मा गांधी के 150वें वर्ष में आयोजित नाटक में 'गांधी के सपने' की प्रस्तुति संग्रहालय सभागार में दी गई.
नाटक 'गांधी के सपने' की प्रस्तुति
इस दौरान हमें आजादी बिना खड़क बिना ढाल और संस्था द्वारा लिखित गीत तुझ में हो गांधी मुझ में हो गांधी सब में हो गांधी, गांधी जी के विचारों को सपनों को दर्शकों के सामने अभिनय द्वारा जीवंत किया.
इस मौके पर मंच पर निलेश अमिया, अक्षय, वीरेंद्र, मनीषा, समीर, अजय और सभी कलाकारों ने अपने कलात्मक अभिनय कौशल से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. इस प्रस्तुति के दौरान कई बार दर्शकों ने कलाकारों का उत्साहवर्धन करते ध्वनि करके दिया.
Last Updated : Feb 20, 2020, 7:25 AM IST