भोपाल।मध्यप्रदेश में लहसुन और टमाटर की फसल ने किसानों का भरपूर इम्तिहान लिया. दाम नहीं मिलने पर हालात यहां तक बन गए कि कहीं किसान लहसुन की फसल को नदी में बहाने को मजबूर हो गए, तो कहीं किसानों ने खुद अपने खून पसीने की मेहनत में आग लगा दी. तस्वीरें ये भी आईं कि किसानों ने लहसुन पर पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया. एमपी में लहसुन का जो सूरत-ए-हाल पिछले साल बना था, वही तस्वीर अब छिंदवाड़ा में टमाटर उत्पादक किसान की हो रही है. 2 रुपए से 3 रुपए भाव में बिकते टमाटर के बाद अब ये किसान इसे फेंकने को मजबूर हैं.
टमाटर की नहीं मिली मजदूरी:छिंदवाड़ा जिले में टमाटर की बंपर आवक के चलते इस समय भी 2 से 3 रुपए किलो थोक मंडी में भाव मिल रहे हैं. इसकी वजह से किसानों का लागत मूल्य निकाल पाना तो बहुत दूर की बात है इसकी मजदूरी निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है. आमतौर पर फरवरी और मार्च में टमाटर के दाम 30 से 40 रुपए किलो तक पहुंच जाते हैं. लेकिन इस बार ये भाव भी नहीं मिलने से किसानों की हालत खराब है. टमाटर की 1 एकड़ फसल लगाने में किसानों को करीब 70 हजार रुपए से लेकर 80 हजार रुपए का खर्च आता है. लेकिन दाम नहीं मिलने से अब किसानों को 40 से 50 हजार प्रति एकड़ घाटे का सामना करना पड़ रहा है.