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मजदूरों की हो रही घर वापसी, लेकिन कई उद्योग शुरू होने से पलायन में आई कमी

प्रदेश में लगातार मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. हालांकि इस बीच मजदूरों के पलायन में कमी देखी जा रही है क्योंकि कई राज्यों में उद्योग का काम फिर से शुरू किया जाएगा.

Migration of laborers gradually decreasing
उद्योग शुरू होने से मजदूरों के पलायन में आई कमी

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Published : May 14, 2020, 9:49 AM IST

भोपाल।देश भर में 23 मार्च 2020 से लागू किया गया लॉकडाउन अभी भी जारी है. लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद से ही कई राज्यों के मजदूर अपने-अपने गंतव्य के लिए लगातार रवाना हो रहे हैं, तो अभी भी लाखों की संख्या में मजदूर राज्यों की सीमा पर अपने घर पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि अब बस और ट्रेन के माध्यम से इन सभी मजदूरों को निकाला जा रहा है. उन्हें उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है.

मजदूरों के पलायन में आई कमी

प्रदेश सरकार भी मजदूरों को लगातार अन्य राज्यों से वापस लाने में जुटी हुई है, तो वहीं मध्य प्रदेश में फंसे मजदूरों को उनके घर तक छोड़ने का काम भी लगातार जारी है. हालांकि प्रदेश सरकार का मानना है कि अब धीरे-धीरे मजदूरों की संख्या में कमी आ रही है क्योंकि कई राज्यों में उद्योग फिर से शुरू होने वाले है. इसलिए बहुत से मजदूर अपने पुराने काम पर वापस लौट रहे हैं.

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि मध्य प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने सीमावर्ती राज्यों से आने वाले मजदूरों को उनके गृह राज्यों की सीमाओं तक बसों से पहुंचाने की व्यवस्था की है. महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से मजदूर उत्तर प्रदेश जाने के लिए मध्य प्रदेश से होते हुए गुजरते हैं, ऐसे में लगभग 10 हजार मजदूरों को प्रदेश की सीमा से बसों के माध्यम से उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंचाया गया है. इन सभी मजदूरों के भोजन और स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था भी सरकार के माध्यम से सुनिश्चित की गई है.

उन्होंने कहा कि इंदौर में रजिस्ट्रेशन कराने की व्यवस्था शुरू की गई थी. इसमें मात्र इंदौर से ही करीब 6 हजार मजदूरों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन जब उन्हें लाने की व्यवस्था की गई, तो पता चला है कि इनकी संख्या 50 प्रतिशत कम हो गई है क्योंकि कई उद्योग दोबारा शुरू हो चुके हैं. ऐसी स्थिति में मजदूर अपने काम पर वापस लौट रहे है.

उनका कहना है कि मजदूरों को वापस लाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. बसों और ट्रैनों के माध्यम से अब लगातार मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है.

अन्य राज्यों में फंसे मध्य प्रदेश के करीब 2 लाख 68 हजार 601 श्रमिक वापस आ चुके हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर अन्य राज्य से आने वाले मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए 12 मई यानि मंगलवार से 375 से अधिक बसें लगाई गई हैं. प्रत्येक दिन 642 बसें स्वतंत्र रूप से चल रही हैं, जब तक मजदूर आते रहेंगे तब तक यह बसों की व्यवस्था चलती रहेगी. साथ ही भोजन के साथ चिकित्सा जांच की व्यवस्था भी लगातार जारी रहेगी.

नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सीएम ने मजदूरों के पैदल चलने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए है कि प्रदेश की सीमा में कोई भी मजदूर भूखा नहीं रहना चाहिए और ना ही उसे पैदल चलना पड़े. मजदूरों की वापसी के लिए राज्य स्तर पर 250 लाइनों का कंट्रोल रूम भी कार्यरत है, जो लगातार लोगों की मदद कर रहा है. विभिन्न प्रदेशों से प्रतिदिन लगभग 7 हजार मजदूर मध्य प्रदेश की सीमाओं पर पैदल पहुंच रहे हैं. सेंधवा, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, श्योपुर, आगर मालवा, नीमच, सागर, छतरपुर, सिवनी और बालाघाट में पैदल मार्ग से आने वाले श्रमिकों के लिए पूरी व्यवस्थाएं की गई हैं.

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