भोपाल। कोरोना के संक्रमण काल में वैसे तो हर वर्ग के लोगों को इस खतरे से दो-चार होना पड़ रहा है, लेकिन एक ऐसा सेक्टर भी है, जो देश में आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चला रहा है. कोरोना के खिलाफ जारी इस जंग में वो अपने को बचाते हुए लोगों की सेवा में जुटा है. हम बात कर रहे हैं बैंकिंग सेक्टर की, जो संक्रमण काल के दौरान भी अपनी जान का ख्याल रखते हुए जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं. कोरोना काल में सरकार ने 30 फीसदी स्टाफ के साथ बैंकों के लिए काम करने की अनुमति दी है. ऐसे में बैंक कर्चमारी पूरी सुरक्षा के साथ कस्टमर को सुरक्षित रखते हुए काम कर रहे हैं.
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद पूरे देश में इस वायरस को लेकर डर बैठ गया है. बैंक कर्मी मानसी नागर का मानना है कि, 'डर तो लगता है, लेकिन काम भी नहीं छोड़ सकते'. 30 प्रतिशत स्टॉफ के साथ काम करने के आदेश के बाद बैंककर्मियों पर काम का बोझ जरूर बढ़ा, लेकिन वे इस कोरोना काल में पूरी हिम्मत के साथ डटे हुए हैं.
क्या कहते हैं बैंककर्मी ?
निजी बैंक में काम करने वाले रोहित छाबड़ा का कहना है कि, 'इन दिनों स्टाफ कम आता है, ऐसे में कहीं ना कहीं काम का बोझ भी ज्यादा होता है, क्योंकि सरकार के आदेश के अनुसार 30 फीसदी कर्मचारी ही भी काम कर सकते हैं और सुरक्षा की दृष्टि से भी यदि कम लोग आते हैं, तो काम करना सुरक्षित होता है, लेकिन 10 लोगों का काम यदि तीन लोग करते हैं, तो काम का बोझ तो बढ़ जाता है और मानसिक दवाब भी रहता है'.