बैतूल। कहते हैं नदी की गहराई तभी पता चलती है, जब पानी में उतरा जाए, अनुभव से ही व्यक्ति सीखता है. ऐसे ही अनुभव से रूबरू हुआ एक शख्स आज कोरोना की बीमारी से लड़ रहे मरीजों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करने का जतन कर रहा है, जिनका नाम है आनंद खंडेलवाल. एक महीने पहले कोरोना पॉजिटिव हुए आनंद के लिए बीमारी की चपेट में आना किसी सदमे से कम नहीं था, लेकिन हिम्मत से आनंद ने बीमारी से लड़ने की पूरी इच्छाशक्ति दिखाई और वे इससे उबरकर बाहर भी आ गए. पेशे से योग शिक्षक एक व्यापारी के संपर्क में आने के बाद पॉजिटिव हुए थे.
योगाभ्यास से कोरोना मरीजों को जंग जीतने के गुर सिखा रहे आनंद खंडेलवाल
कहते हैं नदी की गहराई तभी पता चलती है, जब पानी में उतरा जाए, अनुभव से ही व्यक्ति सीखता है. ऐसे ही अनुभव से रूबरू हुआ एक शख्स आज कोरोना की बीमारी से लड़ रहे मरीजों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करने का जतन कर रहा है, जिनका नाम है आनंद खंडेलवाल.
पॉजिटिव आने के बाद उन्हें संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया गया था और 14 दिन बैतूल के हमलापुर स्थित कोविड सेंटर में रहकर ठीक होकर घर लौट आए, लेकिन उन्होंने अपने इस अनुभव को अपनी योग शिक्षा के जरिए अमल में लाने का बीड़ा उठाया है. अब वे रोजाना कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजों को योग सिखाकर उनकी इम्युनिटी बढ़ाने के गुर सिखा रहे हैं.
कोविड सेंटर के प्रभारी डॉ. रजनीश शर्मा ने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया और वे तैयार भी हो गए. डॉक्टर का कहना है कि योग टीचर पॉजिटिव हुए थे, जिसके बाद उन्हें हमलापुर कोविड सेंटर में भर्ती किया गया था. जब वह भर्ती थे तब भी वो मरीजों को योग सिखाते थे. अब ठीक होने के बाद जब वह वापस घर गए तो उन्होंने प्रस्ताव रखा कि मरीजों को योग सिखाना चाहते हैं तो उन्हें योग सिखाने की अनुमति दी गई है. शहर के इस सेंटर पर फिलहाल 13 कोरोना मरीज भर्ती हैं.