बड़वानी। उनकी जिंदगी में रोशनी की चमक फीकी जरूर पड़ गई है, लेकिन वे खुद एक दीपक बनकर 200 बच्चों की जिंदगियों में उजाला फैला रहे हैं. एक ऐसा उजाला जो ताउम्र उन्हें जिंदगी के मुश्किल पड़ावों को पार करने में मदद करेगा. ये उजाला है शिक्षा का.
हम बात कर रहे हैं वनग्राम डोंगरगांव के नेत्रहीन दंपत्ति वरदीचंद पाटीदार और उनकी पत्नी सीमा पाटीदार की. जो अलग-अलग घटनाओं में कई सालों पहले अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं. लेकिन आज अपने हौसले के दम पर वो 200 बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. ये दंपति अपने बुलंद हौसलों के बलबूते पर स्वावलंबी बन गए हैं और आम लोगों की तरह अपनी जिंदगी जी रहे हैं. वो रोज अपने घर से 2 किमी दूर कभी बस से तो कभी पैदल चलकर अम्बा फलिए के स्कूल में पढ़ाने जाते हैं. आम लोगों की तरह अपना काम करते हैं.