आगर। सालों से फोरलेन सड़क की राह देख रहे क्षेत्रवासियों को एक बार फिर निराशा हाथ लगने वाली है. दरअसल सुसनेर से लेकर कोटा तक को ग्रीनबेल्ट घोषित कर दिया गया है, जिसके कारण इस तरफ से कोई भी बड़ी सड़क नहीं निकल सकती है. बता दें कि कोटा तक फोरलेन सड़क बनाई जानी थी.
आगर: एक बार फिर से निराश हुए लोग, फोरलेन सड़क का सपना रह गया अधूरा
उज्जैन से कोटा तक फोरलेन सड़क के निर्माण अब नहीं हो सकेगा. क्योंकि सुसनेर से लेकर कोटा तक को ग्रीनबेल्ट घोषित कर दिया गया है, जिसके कारण इस तरफ से कोई भी बड़ी सड़क नहीं निकल सकती है.
बता दें कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही क्षेत्रवासियों द्वारा उम्मीद जताई जा रही थी कि उज्जैन से कोटा तक फोरलेन सड़क के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा, लेकिन अब उनकी तमाम उम्मीदों पर ग्रीनबेल्ट की छाया पड़ती हुई नजर आ रही है. जो फोरलेन सड़क उज्जैन व्हाया आगर, सुसनेर, झालावाड़ होते हुए कोटा तक जानी थी, वही सड़क अब ग्रीनबेल्ट के चक्कर में उज्जैन, तनोडिया, आगर व्हाया बडौद होते हुए राजस्थान की सीमा से गुजरती हुई वापस मंदसौर जिले के गरोठ में जाकर मिलेगी. इस परिवर्तन से क्षेत्रवासियों को फोरलेन सड़क का लाभ नहीं मिल पायेगा.
ट्रक यूनियन के अध्यक्ष लियाकत खान ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि यह फोरलेन बनने के बाद यातायात संतुलित रहेगा. सड़क संकरी होने की वजह से हो रही दुर्घटनाएं भी कम होंगी, लेकिन अब जब फोरलेन सड़क नहीं बनेगी, तो निश्चित ही कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. शहर के राजकुमार मालवीय ने कहा कि वर्षों से फोरलेन सड़क की राह तक रहे क्षेत्रवासियों को फोरलेन की सौगात मिलनी चाहिए. इस सड़क का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए.