भोपाल।मध्य प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव 2023 में होने हैं, लेकिन सियासी दलों की नजर अभी से वोट बैंक पर है. राज्य में बड़ा वोट बैंक महिलाएं और बुजुर्ग हैं. अब इन्हें रिझाने की शिवराज सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं. यही कारण है कि 19 अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना फिर शुरू कर दी गई है और आज यानी 21 अप्रैल 2022 को सीहोर जिले के नसरूल्लागंज से कन्या विवाह योजना का फिर से शुभारंभ हो कहा है.
शिवराज सिंह खुद कर रहे हैं कन्या विवाह योजना का शुभारंभ:कन्या विवाह योजना का पहला कार्यक्रम सीहोर जिले से शुरू हो रहा है जिसमें शिवराज सिंह शामिल हो रहे हैं. कोरोना काल में स्थगित रही यह योजना संशोधित स्वरूप में फिर से शुरू की जा रही है. राज्य में शिवराज सिंह चौहान द्वारा बतौर मुख्यमंत्री शुरू की गई महिलाओं से जुड़ी योजनाओं ने उन्हें नई पहचान दिलाने के साथ-साथ बेटियों का मामा और महिलाओं का भाई बना दिया. लगभग डेढ साल सत्ता से बाहर रहने के बाद सत्ता में हुई वापसी के बाद एक बार फिर उनका ध्यान इस वर्ग पर है.
कन्या विवाह योजना में बेटियों को मिलेंगे 55 हजार रुपये:संशोधित कन्या विवाह योजना में प्रति हितग्राही बेटी को 55 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है, इसमें से 38 हजार रुपए की सामग्री, 11 हजार रुपए का चेक और 6 हजार रुपए आयोजन व्यय शामिल है. इस योजना में पिछली बार कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई थी, यही कारण है कि मुख्यमंत्री चौहान ने इस योजना के क्रियान्वयन में पूरी तरह पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए हैं.
क्या है कन्या विवाह योजना ? :शिवराज सरकार ने कन्या विवाह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की 18 या उससे ज्यादा उम्र की लड़कियों के लिए शुरू की थी. इसमें लड़कियों के सामूहिक विवाह होते हैं और विवाह करने वाले जोड़ों को सरकार आर्थिक रूप से मदद करती है. योजना के अंतर्गत राज्य के गरीब निराश्रित, निर्धन, जरूरतमंद परिवारों की बेटियों,विधवा महिलाओं,तलाकशुदा महिलाओं की शादी के लिए राज्य सरकार 51 हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती थी, जिसे अब बढ़ाकर 55 हजार कर दिया गया है. योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों का आयु प्रमाण पत्र और मूल निवासी प्रमाण पत्र लिया जाता है.