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MP में जल प्रलय! नेताओं के दौरे ने बढ़ाई जनता की परेशानी, सरकार की व्यवस्था पर भी लोगों ने उठाए सवाल

मध्य प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं, ऐसे में कई नेता बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं, जिससे लोगों का रेस्क्यू करने में परेशानी हो रही है, लेकिन नेता हैं कि मानते नहीं.

deluge in MP
MP में जल प्रलय

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Published : Aug 6, 2021, 8:08 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 8:23 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश में बाढ़ के हालात दिन प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं, बाढ़ के पानी में घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए दिन रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा सेना भी जुटी हुई है. इसमें एसडीआरएफ होमगार्ड की 34 टीमें, एनडीआरएफ की 9 कंपनियां, सेना के 6 काॅलम (एक काॅलम में 80 जवान), एयरफोर्स के 6 हेलीकाॅप्टर, और बाढ़ग्रस्त इलाकों का पुलिस दल रेस्क्यू में लगा हुआ है.

राहत बचाव दल

रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बन रहे नेताओं के दौरे

प्रदेश में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, लेकिन नेताओं के दौरों ने सुरक्षा बलों की नाक में दम कर दिया है, बाढ़ में फंसे लोगों से ज्यादा नेताओं को सुरक्षा उन्हें करनी पड़ रही है, ऐसे में ऑपरेशन चलाने में परेशानी आ रही है, लेकिन नेता जनता से अपनी संवेदना और अपनी करीबी बढ़ाने के लिएकिसी भी हद तक गुजने को तैयार है, हाल ही में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा दतिया के बाढ़ प्रभावित गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने पहुंचे थे.

नरोत्तम मिश्रा बाढ़ में फंसे

बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे गृह मंत्री खुद बाढ़ में फंसे

इस दौरान नरोत्तम मिश्रा खुद ही एक घर की छत पर फंस गए. एयरफोर्स की टीम ने उन्हें एयरलिफ्ट कर बाहर निकाला, फिर उसके बाद अन्य लोगों का एयरफोर्स ने रेस्क्यू किया, बता दें कि नरोत्तम मिश्रा दतिया में NDRF की मोटर बोट में लाइफ जैकेट पहनकर कोटरा गांव पहुंचे थे. यहां उन्होंने एक घर में कुछ लोगों को फंसे हुए देखा, तो खुद घर की छत पर चले गए. जहां वो फंस गए, ऐसे में गृह मंत्री को पहले बचाया गया, उसके बाद अन्य लोगों का रेस्क्यू किया गया.

कमलनाथ करेंगे दौरा

7 अगस्त को ग्वालियर-चंबल संभाग के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेंगे कमलनाथ

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ 7 अगस्त को ग्वालियर-चंबल संभाग के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने वाले हैं, ऐसे में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू करने वाले जवान अब उनकी सुरक्षा में जुट जाएंगे, ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन करने में फिर वही समस्या जवानों को होगी, कि वो नेताओं की हिफाजत करें, या बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं, वहीं नेताओं के इस दौरे से जनता भी बेहद परेशान हैं.

कमलनाथ के बाढ़ प्रभावित दौरे पर भी बोले वीडी शर्मा

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाढ़ प्रभावित दौरे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि अब आपके दौरा करने का कोई फायदा नहीं है, आप जो अब दौरा करने जा रहे हैं उससे कुछ नहीं होगा, क्योंकि हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा लगातार अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद कर रहे हैं, इसलिए कमलनाथ जी अब आपसे कुछ नहीं हो पाएगा, आप ना चल सकते हैं और ना ही लोगों की मदद कर सकते हैं.

वी.डी शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

दिग्विजय सिंह हो गए हैं आप्रसांगिक

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने निशाना साधा है दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए वी डी शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह देश और प्रदेश के अंदर आप्रसांगिक हो गए हैं जिनकी कोई वॉइस नहीं बची है, उनके लिखने से या ट्वीट करने से समाज इन चीजों को नहीं मानेगा.

नेताओं के अपने-अपने तर्क

पूर्व सीएम कमलनाथ के मुताबिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाने-पीने का सामान, गृहस्थी का सामान पूरी तरह से बह चुका है, कई घरों में पिछले कुछ दिन से चूल्हा तक नहीं जला है, प्रभावित लोग भूखे-प्यासे राशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं, इस तरह की तस्वीरें सामने आ रही है, कमलनाथ के मुताबिक वो दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे, और बाढ़ प्रभावितों की मदद करेंगे.

श्योपुर में लोगों के पास खाने तक को अनाज नहीं

बीते दिनों से जिलेभर में हो रही जमाझम बारिश के चलते बेपटरी हुए हालात अभी भी पटरी पर नहीं आ सके हैं. स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय से लेकर बड़ौदा, आवदा, मानपुर ढोढर, सोंईकला, विजयपुर और आगरा सहित तमाम इलाकों में अभी भी कई बस्तियों में पानी भरा हुआ है. बेघर हुए लोगों के पास खाने तक के लिए अनाज तक नहीं है.

प्रशासन की तैयारियों पर उठे सवाल

प्रशासन की व्यवस्थाओं से नाराज लोगों ने कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव और पुलिस के अधिकारियों को पुल दरवाजा इलाके में घेर लिया. लोगों ने उनके साथ अभद्रता भी की. इस दौरान कलेक्टर बचने के लिए मंदिर में जाने लगे, लेकिन नगर वासियों ने उन्हें रोक लिया इसके बाद कोतवाली के सामने भी उन्हें इसी तरह लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा.

व्यवस्थाओं की खुली पोल

मंत्री को दिखाने के लिए जुटाई भीड़, जाते ही बाढ़ आपदा केन्द्र खाली

कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया गुरुवार को अधिकारियों के साथ शिवपुरी के पोहरी विधानसभा के दौरे पर पहुंची. उन्होंने बैराड़ में बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों के लिए गर्ल्स हॉस्टल में बनाए गए आपदा केंद्र का निरीक्षण किया. मंत्री ने बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों का हालचाल जाना और प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के लिए आपदा केंद्र में की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने केंद्र का किया दौरा

मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को प्रशासन द्वारा बनाए गए इस आपदा केंद्र में कई अव्यवस्थाएं नजर आई. बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के लिए बनाए गए आपदा केंद्र के कमरों में बारिश का पानी टपक रहा था. कई कमरों के पंखें बंद पड़े हुए थे. वहीं कई ग्रामीणों ने खाना और इलाज नहीं मिलने की शिकायत भी मंत्री से की है.

ग्रामीणों ने खोली व्यवस्था की पोल

ग्रामीणों ने बताया कि लगातार पानी में रहने से हाथ पैर की उंगलियों में खरा रोग हो गया है. उसके बाद भी अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए मौके पर ही जिम्मेदार अधिकारियों से व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश दिए हैं.

जवान कर रहे रेस्क्यू

बाढ़ की चपेट में कई गांव

बैराड़ तहसील क्षेत्र में पार्वती नदी के किनारे बसे आधा दर्जन से अधिक गांव पार्वती नदी में आए सैलाव से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हर्रई, बरखेड़ी, गौंदोलीपुरा, रायपुर, कुपेड़ा और सिलपुरा के ग्रामीण हैं. प्रशासन द्वारा बैराड़ में कस्तूरबा गांधी गर्ल्स हॉस्टल में बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के लिए आपदा केंद्र बनाया गया. जिसका गुरूवार की शाम कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने निरीक्षण किया.

मंत्री के निरीक्षण की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन खानापूर्ति में जुट गया. मंत्री को दिखाने के लिए बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को आपदा केंद्र में इकट्ठा कर दिया. वहीं मंत्री के निरीक्षण के बाद आपदा केंद्र खाली हो गया. इस बारे में बैराड़ नगर परिषद के सीएमओ अजीज खान के बयान ने प्रशासन के दावों की कलई खोल कर रख दी.

शिवराज के अफसरों का तमाशा!

उन्होंने बताया कि सुबह तक आपदा केंद्र में 30 बाढ़ प्रभावित ग्रामीण रुके हुए थे. मंत्री के दौरे की सूचना सुनकर 50 लोग और आ गए, जो मंत्री के निरीक्षण के बाद बैराड़ में अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं.

Last Updated : Aug 6, 2021, 8:23 PM IST

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