बागवानों के लिए खुशखबरी: सेब ढोने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा ड्रोन, किन्नौर में ट्रायल रहा सफल
हिमाचल के अस्तित्व की पहचान है हिमाचली सेब. अस्तित्व के साथ-साथ हिमाचल की आर्थिक गाड़ी सबसे पहले सेब और फिर पर्यटन पर निर्भर है. हिमाचल में अढ़ाई लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी की जा रही है और करीब 12 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है. हिमाचल में सालाना 3 से 4 करोड़ पेटी सेब पैदा होता है, यानी प्रदेश में करीब 8 लाख मीट्रिक टन सेब होता है. सेब खाने में जितना मिठा होता है उतनी ही मुश्किल इसकी खेती होती है. पहाड़ी प्रदेश में कई दुर्गम इलाके हैं जहां सेब का उत्पादन करना बहुत मुश्किलों भरा होता है और उससे ज्यादा चुनौती पूर्ण होता है सेब को मंडी तक पहुंचाना. इसी बीच बागवानों के लिए राहत भरी खबर है. दअसल किन्नौर जिले में भी एक कंपनी द्वारा ड्रोन का ट्रायल किया गया. यहां नाचर में ड्रोन के जरिए सेब की पेटी को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया गया. करीब पांच घंटों के पैदल सफर को ड्रोन की मदद से 6 मिनट में पूरा किया गया.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:32 PM IST